योग, जो 5000 साल पुराना ज्ञान है और जिसका ज़िक्र ऋग्वेद में आता है, पूरी दुनिया में मशहूर है और यह पीढ़ियों से मनुष्य को लाभ पहुंचाता चला आ रहा है। यह एक ऐसी कला है, जिसमें चेष्टाओं, श्वास क्रिया और ध्यान का समन्वय किया जाता है, योग से जागृति बढ़ती है, संतुलन सुधरता है, बुद्धि में बढ़ोतरी होती है, तनाव कम होता है और इससे मोटापा कम करने और मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद मिलती है। योग शब्द का मतलब है जोड़ना और यह शरीर और चेतना का योग कराता है। भारत में, जहां इसकी उत्पत्ति हुई, कई तरह के कल्याण केंद्र, आश्रम और योग और ध्यान के केंद्र हैं जो योग और ध्यान का अभ्यास करने के लिए शांत और स्थिर वातावरण प्रदान करते हैं और उन लोगों के लिए इसे सिखाने का बंदोबस्त भी करते हैं जो इसे सीखना चाहते हैं।

भारत में योग की कई शैलियाँ प्रचालन में हैं और सिखाई जाती हैं। इनमें सबसे मशहूर है विन्यास योग, जिसमें शरीर के द्रव को बिलकुल किसी नृत्य की तरह श्वास-प्रश्वास से तालमेल बिठाते हुए विभिन्न विधियों से संचालित किया जाता है। यह आमतौर पर अंधेरे में या आँखों को बंद करके किया जाता है। अष्टांग योग, जो योग की पारंपरिक विधि है, इसमें अंग संचालन और श्वास-प्रश्वास का तालमेल बैठाया जाता है और यह आमतौर पर मौखिक निर्देशों और संगीत के बिना किया जाता है। अधिक चुनौती पूर्ण आसनों को महसूस करने के लिए, आयंगर योग बेहतरीन रहेगा। मंथर गति से सिखाई जाने वाली योग की इस शैली में पट्टियाँ, कंबल और ब्लॉक जैसी सहायक सामग्री का प्रयोग किया जाता है। नौसिखियों के लिए हठ योग को वरीयता दी जाती है, क्योंकि इस में सभी तरह की शारीरिक योग की क्रियाओं का समावेश होता है। कृपालु योग आध्यात्मिकता की खोज करने वाली एक तकनीक है और यह ध्यान, आत्म बोध, विश्रांति और प्राणायाम पर केन्द्रित है। 

उत्तराखंड के पवित्र शहर ऋषिकेश के उन्नत पर्वत शिखरों के परिप्रेक्ष्य में स्थित परमार्थ निकेतन स्वास्थ्यकर छुट्टियाँ बिताने के लिए आदर्श स्थान है। यह केंद्र पर्यटकों के लिए निवास तथा नौसिखियों के लिए प्रशिक्षण से लेकर वैदिक धरोहरों को संरक्षित करने और टीचर ट्रेनिंग कोर्स तक की व्यवस्था कर रहा है, यह आश्रम उत्कृष्ट आध्यात्मिक अनुभव से परिचित कराता है। यह हर साल मार्च के महीने में सप्ताह भर के लिए आयोजित होने वाले प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय योग फेस्टिवल का मेजबान भी है। यहाँ हर शाम होने वाली गंगा आरती एक ऐसा अवसर है जिसे बिना देखे नहीं छोडना चाहिए। पर्यटक पुरस्कृत स्पा रिज़ॉर्ट ÒआनंदÓ को भी देख सकते हैं, जो कल्याण का अनोखा अनुभव देने के लिए आयुर्वेद, योग और वेदान्त का मिश्रण प्रस्तुत करता है

व्यक्ति विशेष के लिए विशेष तौर पर बनाए गए योग के पाठ्यक्रम का अनुभव करने के लिए पर्यटकों को पुडुचेरी के योग शिक्षा और शोध के अंतर्राष्ट्रीय केंद्र की सैर करनी चाहिए, जो फ्रांसीसी और भारतीय संस्कृति को एकीकृत करने के लिए सराहा जाता है। यह उन पर्यटकों के लिए उपयुक्त है जिनके पास समय सीमित होता है लेकिन वह भारत की कल्याणकारी धरोहर से लाभान्वित होना चाहते हैं। आंतरिक शांति और योग के ज्ञान के लिए शहर का औरबिंदो आश्रम बेहतरीन स्थान है। 

महाराष्ट्र के मुंबई में स्थित योग इंस्टीट्यूट विश्व भर में योग का प्राचीनतम केंद्र है, जो उत्कृष्ट पाठ्यक्रम, शिविर और कार्यशालाएँ आयोजित करता है। इसका उद्देश्य हृदय रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, श्वास रोग, तनाव जैसी बीमारियों का इलाज करना है। 

महाराष्ट्र के पुणे का राममणि आयंगर स्मारक योग इंस्टीट्यूट एक और उत्कृष्ट केंद्र है जो इस विज्ञान का गहरा ज्ञान समेटे हुए है। यहाँ नियमित योग की कक्षाएँ चलती हैं और यहाँ प्रवेश के के लिए कम से कम दो वर्ष की प्रतीक्षा सूची रहती है।  

कोयंबटूर में स्थित सद्गुरु के ईशा फ़ाउंडेशन का मुख्यालय अपने सुंदर मंदिरों और स्वाभाविक आकर्षण के लिए विख्यात है, और इसका उद्देश्य योग और सात्विक भोजन द्वारा सम्पूर्ण उपचार है। यहीं 122 फुट ऊंची आदियोगी की अर्धप्रतिमा भी मौजूद है, जो योग का उद्गम है, और इसका नाम विश्व का सबसे बड़ा मुख होने के कारण गिनेस बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड में दर्ज है।

तमिलनाडु में मैसूर, जो योग के गहन अनुभव में डूब जाने के लिए अष्टांग इंस्टीट्यूट मुख्यद्वार है। यहाँ यौगिक आसनों की नियमित कक्षाओं से लेकर प्राचीन संस्कृत पुस्तकों के माध्यम से व्यापक अध्ययन कराया जाता है। इस इंस्टीट्यूट में और भी बहुत कुछ है और यहाँ प्रवेश के लिए 2 माह पूर्व से स्थान आरक्षित कराना पड़ता है। 

पतंजलि योग पीठ, जिसकी स्थापना स्वामी रामदेव महाराज एवं आचार्य बालकृष्ण महाराज ने सन 2005 में संयुक्त रूप से की थी, भारत का एक और आध्यात्मिक केंद्र है, जो हरिद्वार में स्थित है। यह योग संस्थान भारत में सबसे विशाल है। योग पर आधारित विभिन्न गतिविधियों एवं पाठ्यक्रमों के अलावा यह संस्थान आयुर्वेद पर भी ध्यान केन्द्रित करता है। 
दिल्ली में प्रसिद्ध मोरारजी देसाई योग संस्थान स्थित है, जो अधिकतम लोगों तक योग का प्रचार और प्रसार करने के लिए कई तरह के उपक्रम करता है। 

बिहार के मुंगेर में स्थित बिहार स्कूल ऑफ योग, जो वहाँ के निर्मल सौन्दर्य को खुद में समाहित करता हुआ दूर दूर तक फैला है, कर्म योग पर ध्यान केन्द्रित करता है, जिसमें आसनों और अवस्थाओं के बजाए बागबानी और रसोई के काम जैसी सेवाएँ प्रस्तुत करना शामिल है। यहाँ आप योग की कई शैलियाँ सीख सकते हैं, जिनमें निद्रा योग भी शामिल है, जो ध्यान की एक पद्धति है, जो मस्तिष्क को ऐसी अवस्था में ले जाती है जहां वह न सोया होता है और न ही जाग रहा होता है।