जब ख्यातिप्राप्त अंग्रजी लेखक रुडयार्ड किपलिंग ने उदयपुर की पिचोला झील को देखा तो उन्होंने अपनी पुस्तक लेटर्स आफ़ मॉर्क (सन् 1899) में लिखा है:“अगर पिचोला झील वेनिस में होती तो वे लोगों से न्यायपूर्ण तरीके से कहते कि मरने से पहले उसे एक बार अवश्य देखें।“ पिचोला झील देश में मौजूद ऐसी झीलों में से एक है जिसने एक महाराजा को इस कदर प्रभावित किया कि उन्होंने इस झील के चारों तरफ शहर ही बसा दिया। केरल के अन्तःप्रवाही जल से ले कर श्रीनगर की प्रसिद्ध झीलें ,लेह की ना भूली जा सकने वाली स्वच्छ एवं एकान्तवासी झीलें ,ये सभी भारत की असंख्य जल संपदा का अंग हैं ,जिनका देश के मानचित्र पर अपना विशिष्ट महत्व है।

भारत प्राकृतिक एवं मानव निर्मित झीलों का घर है।राजस्थान का रेगिस्तानी प्रदेश विशेष कर दोनों प्रकार की झीलों के लिए ख्यात है। उदयपुर का जैसामंड झील एशिया की दूसरी सबसे बड़ी मानव निर्मित झील है। इसके अतिरिक्त जोधपुर का कायलाना झील एक अत्यन्त रम्य स्थान है ,जिससे संलग्न एक उद्यान है,इसके पारदर्शी जल ने ,जिसमें नीला आकाश प्रतिबिम्बित होता है ,उसे नौकायन के लिए आदर्श एवं प्रशान्त स्थान बना देता है।

भारत के उत्तरी पूर्वी भाग का प्राकृतिक सौन्दर्य अभिभूत कर देने वाला है। मिजोरम की अंडाकार पलक झील सातों बहनों के मुकुट का मणि है। यह आर्द्रभूमि के पक्षियों का घर है। ऐसा माना जाता है कि यह स्थान प्रवासी पिंटेल बत्तखें के लिए शीत ऋतु में रास्ते का ठहराव स्थल है।ऐसा माना जाता है कि यह उत्तर-पूर्वी क्षेत्र की सबसे बड़ी और एशिया की दूसरे नम्बर की मौसमी आर्द्रभूमि है आसाम की सोन बिल मानसून के मौसम में वर्षा के पानी से भर जाती है।

मणिपुर की मंत्रमुग्ध कर देने वाली लोकतक झील केबुल लाम्जाओ राष्ट्रीय उद्यान के समीप है, जो विश्व का एकमात्र तैरता हुआ अभयारण्य है। उसकी तैरती हुई वनस्पतियाँ और वहाँ का दिव्य वातावरण झील को स्वनिल दृश्य प्रदान करते हैं। भारत के हिल स्टेशन शान्त और निर्मल झीलों को अपने में समेटे हुए हैं ,जिनमें नैनीताल विशेष आकर्षण का केन्द्र है। सात तालों के समूह में के मध्य वन्य जीवों को देखने लिए एक स्थान भी सुरक्षित है। इन तालों के बीच में एक द्वीप भी है जहाँ कुछ महत्वपूर्ण मन्दिर हैं। 

एक रूमानी परिवेश की सृष्टि करती हुई पीरपंजाल की सीनेमाई पृष्टभूमि में श्रीनगर की डल झील पर्यटकों के लिए स्वर्ग है। डल झील की एक और शाखा नागिन झील भी देखने योग्य है। 

इसके अतिरिक्त भारत के मध्य भाग के भोपाल शहर में दो मानव निर्मित झीलें - छोटा तालाब और बड़ा तालाब आश्चर्य चकित कर देने वाली हैं। ये दोनों मिल कर भोज आर्द्र भूमि का निर्माण करती हैं। ये झीलें अपने में मनोहारी दृश्य को समेटे हुए हैं पर पर्यटकों के खिंचवा का कारण यहाँ उपलब्ध जलक्रीड़ा जैसे ,नौकायन , डोंगी चालन औ रीवर राफ्टिंग है।

देश की विशालतम झीलों में एक हुसैन सागर झील हैदराबाद , सिकंदराबाद और बेगमपेट के मध्य में है। यह एक कृत्रिम झील है जो साल भर पानी से भरी रहती है। इसका आकार हार के समान है और जिसका निर्माण मूसा नदी की सहायक धारा पर हुआ है। हालाँकि यह शहर के मध्य में है पर इसके इर्द गिर्द अनेक उद्यान हैं जो इसे शान्त और एकाकी परिवेश प्रदान करे हैं।