प्राचीन काल के महाराजाओं की भाँति आप जंगलों का आनन्द भी उठा सकते हैं। जंगल के विषय में आप परेशान न हों क्योंकि भले ही आप घने जंगलों के बीच में हों लेकिन यदि आप भारत में किसी भी भव्य टेन्ट युक्त आवासों में ठहरने का निर्णय लेते हैं तो आपको इसमें पूरा सुकून मिलेगा।

जागीर लॉज दुधवा मध्य नवम्बर से मध्य जून तक उत्तरी भारत के तराई क्षेत्र में अल्टीमेट ट्रैवलिंग कैम्प संचालित करता है। यहाँ आप 1940 में निर्मित भवनों से लेकर ईंट की विला तक में ठहर सकते हैं। यहाँ आप वन्यजीवों की फोटोग्राफी, दुधवा के जंगलों की सैर, कतरनियाघाट, किशनपुर और पीलीभीत का आनन्द उठा सकते हैं और थारू जनजातियों की संस्कृति का अनुभव, उपनिवेशकालीन वातावरण की अनुभूति और गेम ड्राइव तथा प्रकृति के दर्शन का आनन्द ले सकते हैं।

भारत में चार क्षेत्रों में ताज सफारी विशिष्ट वन्यजीव स्थलों की यात्रा संचालित करती है। मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के निकट विन्ध्य पर्वत के पृष्ठ भाग में स्थित महुआ कोठी में 12 एकल लक्ज़री कॉटेज हैं जो 45 एकड़ के निजी जंगल में विस्तृत है। बंजार टोला एक आकर्षक और परम्परागत होटल है जो नौ-नौ टेंटों के दो कैम्प आयोजित करता है, अनुभवी प्रकृतिप्रेमी हैं, मध्य प्रदेश के कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में 90 एकड़ क्षेत्र में साल के निजी वन हैं। इस राज्य के पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में उत्कृष्ट वाटरिंग होल के निकट पहाड़ी पर 12 स्टोन कॉटेज वाला होटल पशन गढ़ है। बाघवन में लगभग 12 उत्कृष्ट बंगले हैं जो कि एक लक्ज़री रिज़ॉर्ट है और यह भी मध्य प्रदेश के पेंच राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है।

राजस्थान के ओबेरॉय वन्यविलास रणथम्भौर में रुककर आप रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान देख सकते हैं जिसमें कैम्पिंग की सुविधा है और यहाँ आप वन्य जीवों के साथ-साथ शान्तिपूर्वक अपने स्वप्नों को साकार कर सकते हैं। शाही परिवारों के भव्य कारवाँ से प्रेरित होकर इस होटल में लक्ज़री टेंट आवास, स्पा सेवाओं तथा विशिष्ट राजस्थानी और अन्तर्राष्ट्रीय भोजन की व्यवस्था की गयी है। शाम को शैम्पेन का लुत्फ, जंगल का पर्यटन, योग, झील के किनारे मस्ती और भोजन जैसी गतिविधियाँ का यहाँ उठाया जा सकता है।