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भारत में ऐसे अनेक म्यूजियम तथा गैलरियाँ हैं जो इसकी संस्कृति, इतिहास और पुरातत्व का भण्डार हैं। इनमें से कुछ लोकप्रिय स्थान निम्नलिखित हैं:
दिल्ली के नेशनल म्यूजियम में श्रेष्ठ प्राचीन कलाकृतियाँ और बहुमूल्य वस्तुएँ हैं जिसमें 5,000 वर्षों से अधिक की भारतीय सांस्कृतिक विरासत मौजूद है। इसमें भारतीय और विदेशी कला की लगभग 2,00,000 कृतियाँ प्रदर्शित हैं। इस म्यूजियम का पुस्तकालय शोधार्थियों के लिए सोने की खान हैं क्योंकि इसमें शोध तथा सन्दर्भ के लिए एन्थ्रोपोलोजी, पुरातत्व, संरक्षण, सजावटी कलाकृतियों, इतिहास, साहित्य, म्यूजियम अध्ययन, चित्रकला, दर्शनशास्त्र तथा धर्म जैसे विभिन्न क्षेत्रों से सम्बद्ध पुस्तकें और जर्नल हैं। इस पुस्तकालय में 60,000 से अधिक पुस्तकें, जर्नल और अनेक भारतीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय जर्नल और पत्रिकाएँ रखी हुई हैं।
दिल्ली में भारतीय रेल की धरोहर नेशनल रेल म्यूजियम में इनडोर तथा आउटडोर दोनों प्रकार की भव्य प्रदर्शनियाँ हैं। म्यूजियम के भीतर टॉय ट्रेन से म्यूजियम की पूरा भ्रमण किया जा सकता है। इनमें से कुछ लोकप्रिय प्रदर्शनियों में रेलवे की 100 आदमकद आकृतियाँ, कार्यरत और स्थायी मॉडल, प्राचीन फर्नीचर, ऐतिहासिक फोटोग्राफ तथा सिग्नलिंग उपकरण शामिल हैं।
चेन्नई में 1851 में प्रारम्भ हुआ सरकारी म्यूजियम भारत का दूसरा सबसे प्राचीन म्यूजियम है और इसमें पुरातात्विक, रोमन तथा मुद्राशास्त्रीय संग्रहों के आकर्षक सेट हैं। इसके अतिरिक्त इसमें अमरावती के बौद्ध अवशेष भी देखे जा सकते हैं। यहाँ का प्रमुख आकर्षण ब्रांज गैलरी है जिसमें आधुनिक काल से लेकर 7वीं शताब्दी के पल्लव काल तक की मूर्तिकलाएँ हैं। नटराज (दैवीय नृत्य) के रूप में भगवान शिव की मूर्ति तथा अर्द्धनारीश्वर की चोला ब्रांज लघु मूर्ति भगवान शिव और देवी पार्वती को प्रतिबिम्बित करती है।
प्रथम ब्रिटिश गढ़ों में 1644 में निर्मित महान श्वेत फोर्ट सेंट जॉर्ज व्यापक रूप से चेन्नई के इतिहास से सम्बद्ध है। अब इसमें एक म्यूजियम है जिसके विषय में माना जाता है कि यह किले के भीतर निर्मित प्राचीनतम उपलब्ध भवनों में से एक है। फोर्ट सेंट जॉर्ज म्यूजियम ब्रिटिश राज की वस्तुओं का छोटा संग्रह है जिसे तत्कालीन मद्रास प्रेसीडेंसी सरकार ने दान में दिया था। अब इसके संग्रह में 3,600 से अधिक पंजीकृत प्राचीन वस्तुएँ शामिल हैं। इनमें से सर्वोत्तम वस्तुओं को 10 गैलरियों में प्रदर्शित किया गया है।
भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री जवाहरलाल नेहरू की स्मृति में दिल्ली में स्थापित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम में नेहरू के पुराने कार्यालय की प्रदर्शनी है जिसे उन्हीं प्राचीन कलाकृतियों और फर्नीचरों का प्रयोग करके फिर से तैयार किया गया है। इसके पुस्तकालय में अनेक ऐसी पुस्तकें हैं जिनसे आधुनिक भारत के इतिहास का पता चलता है। नेहरू तारामण्डल एक अन्य आकर्षण है जो सभी क्षेत्र के पर्यटकों को आकर्षित करता है। आप इस तारामण्डल के स्काई थिएटर में रोचक प्रदर्शनियाँ और प्रस्तुतियाँ देख सकते हैं।
दिल्ली में विज्ञान के विषय में दर्शकों को शिक्षित करने के उद्देश्य से एक प्रभावशाली नेशनल साइंस सेंटर म्यूजियम विशेष रूप से दर्शनीय है। म्यूजियम की सजीव विज्ञान प्रदर्शनियों का अद्भुत आकर्षण है। पर्यटक सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए विभिन्न खण्डों में रोचक प्रदर्शनियाँ देख सकते हैं। ये साकार प्रदर्शनियाँ हैं जिसमें भौतिक विज्ञान के विभिन्न नियम दिखाये जाते हैं।
दुर्लभ प्राचीन शिल्प, कवच, आभूषण, जीवाश्म, कंकाल (डाइनासोर के कंकाल सहित), ममी तथा मुगल चित्रकलाएँ कोलकाता के इण्डियन म्यूजियम में अवस्थित हैं। इसके उत्कृष्ट आकर्षणों में 4,000 वर्ष पुरानी मिस्र की ममी तथा बौद्धकालीन जलपात्र शामिल हैं।