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लेह से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित शे मनला में सिंधु नदी के किनारे पर यह महोत्सव मनाया जाता है। सिंधु दर्शन महोत्सव के नाम से प्रसिद्ध इस आयोजन में देश भर से सैकड़ों पर्यटक आते हैं। इस महोत्सव में अनेक प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इनमें संगीतमय कार्यक्रम, नृत्य की प्रस्तुति तथा कला प्रदर्शनियों का आयोजन होता है। भारत के अनेक कलाकार अपने-अपने कार्यक्रम पेश करते हैं। यह सिंघे खबाब्स महोत्सव के नाम से भी जाना जाता है।

इस महोत्सव को मनाने का मकसद सिंधु नदी पर सभी का ध्यान केंद्रित करना तथा देश की एकता एवं सौहार्द के प्रतीक के रूप में इस नदी का प्रचार-प्रसार करना है। आमतौर पर यह महोत्सव गुरु पूर्णिमा के दिन आरंभ होता है और तीन दिनों तक चलता है। पहले दिन, स्वागत समारोह आयोजित किया जाता है। इस मौके पर लामा नदी के किनारे विशेष प्रार्थना करते हैं। उस रात को बॉन फायर किया जाता है। दूसरे दिन, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। इसमें स्थानीय कला और शिल्प को करीब से देखने-समझने का अवसर मिलता है। कलाकार अपनी-अपनी प्रस्तुति देते हैं। तत्पश्चात पूजा का आयोजन किया जाता है।