दक्षिण भारत के सर्वश्रेष्ठ मध्ययुगीन मंदिरों में से एक रामलिंगेश्वर मंदिर अद्भुत वास्तुशिल्प प्रमाण है। प्राकृतिक छटा और सौंदर्य के बीच मंदिर की तराशी हुुई दीवारेें, छत, खंभे और सुंदर नक्काशीदार मूर्तियां देखते ही बनती है। रामप्पा मंदिर को उसके मूर्तिकार, रामप्पा के नाम से जाना जाता है, जिन्होंने 13वीं शताब्दी के आसपास काकतीया राजा, गणपति देव के शासन में मंदिर का निर्माण किया था। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है तथा मुख्य मंंदिर की तरफ मुख किये नन्दी की एक मूर्ति है। कहा जाता है कि इस भव्य मंदिर के निर्माण में लगभग 40 साल का समय लगा था!

वरंगल से 67 किमी दूर, पालमपेट गांव का यह मंदिर इस क्षेत्र के गौरवशाली अतीत की याद दिलाता है। पर्यटक झील के किनारे कॉटेज/कुटियों में आराम कर सकते हैं, जो पर्यटन विभाग द्वारा बनाए गए हैं। मंदिर के पास विभाग द्वारा संचालित एक रेस्तरां भी मौजूद है, जो इसे पर्यटकों के लिये और आरामदेह बनाता है|

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