ढेर सारी मस्जिदों, महलों, किलों और मकबरों को समेटे कर्नाटक के इस प्राचीन शहर विजयपुर में, भारतीय इतिहास की कुछ अमूल्य धरोहर मौजूद है। शुरुआत हम इब्राहिम रौज़ा से करते हैं, यह एक मकबरा है, इस अद्भुत मकबरे को ताजमहल से प्रेरित होकर बनाया गया। कहा जाता है कि अगर इसे संगमरमर से बनवाया गया होता तो यह बिल्कुल ताजमहल जैसा ही लगता। गोल गुम्बज यहां का एक और ऐतिहासिक आश्चर्य है, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गुंबद है। वर्ष 1489 से वर्ष 1686 तक आदिलशाही राजाओं की विरासत रहा विजयपुर ऐसे बहुत से वास्तुशिल्प चमत्कारों से भरा हुआ है।

विजयपुर शैव धर्म का केंद्र रहा है। यहां पर आठ दिनों तक चलने वाले प्रसिद्ध लिंगायत सिद्धेश्वर महोत्सव का आयोजन होता है। यह शहर यूनेस्को की विश्व धरोहर पट्टदकल जाने के रास्ते में है।