यह महल अरावली के बांसडारा पहाड़ी पर है और इसके सामने फतेह सागर झील का खूबसूरत नज़ारा दिखता है। इसके सफेद रंग की वजह से यह बिलकुल परियों के महल जैसा लगता है। जिसकी दीवारों में कई राजाओं और रानियों की यादें बसी हैं। 19 वीं सदी के इस संगमरमर के महल का निर्माण मेवाड़ राजवंश के महाराजा सज्जन सिंह ने करवाया था। इसका नाम राजा के नाम पर ही रखा गया था। मूल रूप से इसे अंतरिक्ष के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए बनाया गया था। सज्जन सिंह की असामयिक मृत्यु के बाद इसे मानसून महल और रॉयल हंटिंग लॉज(शिकार करने के लिए) में बदल दिया गया।

यह महल शाही परिवार के लिए बनाया गया था ताकि वे मानसून के बादलों को देखने का आनंद ले सकें। इस रेगिस्तान वाले राज्य में यह महल कभी खुशी का प्रतीक माना जाता था और आज भी यहां से उदयपुर और आसपास के गांवों और झीलों के बेहद खूबसूरत नज़ारे देखने को मिलते हैं, खासकर ढलते सूरज के दौरान। पहाड़ी के नीचे 5-वर्ग कि.मी में फैली सज्जन गढ़ वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी है, जहां चीतल, सांभर, जंगली सूअर, और नीले बैल जैसे जानवर देखे जा सकते हैं। पास में ही जीवन सागर झील है, जो बादी झील के नाम से भी मशहूर है।

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