हल्दीघाटी एक पहाड़ी रास्ता है, जो उदयपुर से लगभग एक घंटे की दूरी पर है। ये कई युद्धों के लिए प्रसिद्ध है, जो यहां लड़े गए थे। इनमें सबसे प्रसिद्ध है सन् 1576 की लड़ाई, जो मेवाड़ के राणा प्रताप सिंह और मुगल सम्राट अकबर की सेना के बीच हुई थी। ऐसा कहा जाता है कि इस लड़ाई में इतने सैनिक मारे गए थे कि यहां की पीले रंग की मिट्टी (जिस जगह से इसका नाम निकलता है) लाल हो गई थी। यह वह जगह है जहां महाराणा प्रताप के प्रिय और बहादुर घोड़े चेतक ने राजा को बचाने की कोशिश करते हुए अपनी जान गंवा दी थी। यहां चेतक को समर्पित, शुद्ध सफेद संगमरमर से बना एक सैनिक स्मारक भी है। उदयपुर से लगभग 40 किमी दूर, आज हल्दीघाटी एक ऐसी जगह है, जो कहानियों में पाये जाने वाले स्थल सी दिखाई पड़ती है। पास ही बादशाही बाग है, जो गुलकंद (गुलाब की पंखुड़ियों से बनाया जाता है) के लिए मशहूर है।

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