तमिलनाडु का पवित्रतम शहर माना जाने वाला, तिरुवन्नमलाई एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है। इसे दक्षिण भारत के उन पांच शहरों में से एक माना जाता है, जहां प्रकृति (अग्नि, वायु, जल, पृथ्वी, आकाश) के तत्वों की पूजा की जाती है। इस मन्दिर का पर्वतीय शहर माउंट अरुणाचल के तलहटी में स्थित है। यहां भगवान शिव को उनके अग्नि अवतार (अरुणाचलेश्वर) में पूजा जाता है। यह शहर प्रतिष्ठित अरुणाचलेश्वर मंदिर के चारों ओर फैला है, इसकी विशाल संरचना में चार विशाल द्वार या गोपुरम् हैं। पूर्णिमा की रात में इस शहर में भक्तों का हुजूम दिखाई देता है, जो अन्नामलाई पहाड़ी के आस-पास, गिरिवलम की 14 किलोमीटर की पद यात्रा करने आते हैं। पहाड़ी के ऊपर से, नंगे पांव श्रद्धालुओं को "ओम अरुणाचल" का जाप करते हुए चलते हुए देखा जा सकता है। यह दृश्य सैलानियों को मंत्रमुग्ध कर देता है।

तिरुवन्नामलाई में पर्यटकों के लिए शांत वातावरण वाले कई आश्रम हैं। यहां आकर सैलानी आध्यात्मिकता का अनुभव करते हैं। शहर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पेन्नार नदी है। इस नदी पर बना सथनूर बांध, यहां के स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल है। कार्तिगई दीपम् त्यौहार तमिल के (नवंबर/दिसंबर) कार्तिगई महीने में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस पूजा में भारी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं। तिरुवन्नामलाई की स्थापत्य विरासत बेहद समृद्घ रही है, क्योंकि यहां पल्लव, चोल, होयसल, विजयनगर साम्राज्य के राजा, कर्नाटक साम्राज्य, टीपू सुल्तान और अंग्रेजों का शासन रहा है।