राज्य की सबसे पुरानी कला दीर्घाओं में से एक, श्री चित्रा आर्ट गैलरी त्रावणकोर के पूर्व महाराजा, श्री चिथिरा थिरुनल द्वारा 25 सितंबर, 1935 में खोली गई थी। इसे भारत में चित्रों की अपनी ही तरह की शैली का प्रतिनिधित्व करते हुए एक समृद्ध संग्रह होने का गौरव प्राप्त है, जिनमें से कई तो त्रावणकोर और किलिमनूर के राजसी परिवार द्वारा गैलरी को उपहार में दिए गए थे। गैलरी में राजा रवि वर्मा, स्वेतलोवा और निकोलस रोरिक जैसे प्रसिद्ध कलाकारों के चित्र हैं। मुगल, राजपूत और तंजौर कला शैलियों की आश्चर्यजनक कृतियों  को भी यहां देखा जा सकता है। एक विशेष खंड दक्षिण पूर्व एशिया के लिए समर्पित है, और चीन, जापान, तिब्बत और बाली के चित्रों को इन देशों की संस्कृति के सम्मान के संकेत के रूप में प्रदर्शित करता है। प्रतिष्ठित संग्रह में 18 वीं शताब्दी के भारतीय भित्ति चित्रों की प्रतियां भी हैं। संग्रहालय सोमवार और बुधवार को बंद रहता है, इसलिए आगंतुकों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी यात्रा की योजना उसी के अनुसार बनाएं।

अन्य आकर्षण