ट्रेंक्यूबार, आराम पंसद यात्रियों और इतिहास प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। यहां का औपनिवेशिक आकर्षण और समुद्र के मनमोहक दृश्य आपको गुज़रे हुए कल में ले जाते हैं। ट्रेंक्यूबार में पैदल यात्रा करना अपने आप में ही एक तरह का अलग अनुभव है। अपनी यात्रा की शुरूआत शाही डेनिश प्रतीकों से सजे लैंडपोर्टेन या शहर के मुख्य प्रवेश द्वार के साथ शुरू करें। जैसे-जैसे आप आगे बढ़ेंगे, आप शहर के सबसे लोकप्रिय किंग स्ट्रीट तक पहुंच जाएंगे, जहां डेनिश युग की इमारतें, प्लास्टर की दीवारें, भव्य चर्च, राजसी बंगले और ऐतिहासिक डैंसबोर्ग किला स्थित है।

यहां पर मौजूद सिय्योन चर्च और न्यू यरुशलम चर्च की संरचनाएं भी बड़ी कमाल की हैं। सिय्योन चर्च भारत के सबसे पुराने प्रोटेस्टेन्ट चर्चों में से एक है और यह वास्तुकला के भारतीय और औपनिवेशिक शैलियों के सुंदर मिश्रण को दर्शाता है। वहीं न्यू यरुशलम चर्च सिय्योन चर्च के ठीक सामने स्थित है और इसका निर्माण सन् 1718 में किया गया था।

यहां का एक और मुख्य आकर्षण समुद्र के सामने स्थित डैंसबोर्ग का किला है, जिसका रंग कुछ सरसों के रंग के जैसा है। इसे राज्यपाल के निवास के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। किले की पत्थर की दीवारें और घुड़सवार तोपें, स्कैंडिनेवियाई सैन्य शैली की बेहतरीन और उम्दा वास्तुकला के उदाहरण को पेश करती हैं। किले में एक छोटा संग्रहालय भी है, जिसमें जीवाश्म, प्राचीन सिक्कों, पांडुलिपियों और संधियों के दुर्लभ संग्रह प्रदर्शित किए जाते हैं। यह वह सधिंयां हैं, जिन पर डेनिश अधिकारियों और भारतीय शासकों के बीच हस्ताक्षर किए गए थे। किले के उस पार तत्कालीन ब्रिटिश कलेक्टर का निवास है, जहां वे गर्मियों की छुट्टियां मनाने आया करते थे। आप वैन थीलिंगन हाउस भी जा सकते हैं, जहां आपको स्थापित किए गए छोटे समुद्री संग्रहालय मिलेंगे। वहीं राजमार्ग (किंग स्ट्रीट) के समानांतर सड़क पर एक डेनिश कब्रिस्तान भी मौजूद है।

शाम के वक्त आप समुद्र तट के किनारे क्वॉलिटी टाइम बिता सकते हैं, और 1305 ई. में बने प्राचीन मसोलमणि नाथर मंदिर की यात्रा कर सकते हैं। बाउल्डर लादेन समुद्र तट पर आप लंबी वॉक का मज़ा भी उठा सकते हैं और साथ ही साथ आप मछुआरों के दैनिक जीवन के कार्य-कलापों को भी देख सकते हैं। थारंगबड़ी के नाम से भी प्रसिद्ध यह शहर तंजावुर से 98 किमी की दूरी पर स्थित है।

अन्य आकर्षण