इस क्षेत्र के सबसे पुराने चर्चों में से एक, श्वार्ट्ज चर्च शहर का एक महत्वपूर्ण स्थल है। यह चर्च अपनी नव-शास्त्रीय वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, तथा उस समय के प्रसिद्ध इटैलियन मूर्तिकार जॉन फ्लैक्समैन द्वारा बनाई गई मूर्तियां यहां रखी गई हैं। 1779 ई. में भोंसले वंश के अंतिम शासक राजा सेरफ़ोजी द्वितीय ने, अपने गुरू सीवी श्वार्ट्ज की निशानी के रूप में इस चर्च को बनवाया था। सीवी श्वार्ट्ज एक डेनिश प्रचारक थे। सीवी श्वार्ट्ज तमिल भाषा के विशेषज्ञ थे और उन्होंने मराठा राजा के बचपन में उन्हें शिक्षा भी दी थी। औपनिवेशिक युग में इस चर्च का प्रयोग ब्रिटिश सेना के लिए प्रार्थना कक्ष के रूप में किया जाता था। जब सीवी श्वार्ट्ज की मृत्यु हुई, तो राजा ने उनकी स्मृति में यहां एक प्रतिमा की स्थापना की और चर्च के वित्तीय खर्च को अपने अधिकार में ले लिया।

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