तंजावुर के दक्षिणी भाग में स्थित, इस मंडपम का निर्माण चोल वंश के महान राजा राजा चोल (985-1014 सीई) के सम्मान में किया गया था। हरे भरे बागानों और जलते हुए लैंप से घिरी यह जगह बेहद ही आम और सहज होने बावजूद बड़ी आकर्षक लगती है। रात में इस जगह की सुंदरता आपको मंत्रमुग्ध कर सकती है। मंडपम की वास्तुकला का निर्माण चोल शैली के अनुसार किया गया है। मंडपम के ग्राउंड फ्लोर पर एक संग्रहालय है, जहां पर संग्रहित चीज़े राजा को तंजावुर के सबसे उल्लेखनीय राजाओं में से एक के रूप दर्शाती हैं। संग्रहालय में प्रदर्शनी के तौर पर कांस्य की मूर्तियां, पेंटिंग, सिक्के और अन्य कलाकृतियां लगाई गई हैं, जो इतिहास प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। यहां हवा में पैरों को ऊपर किए हुए घोड़े पर बैठे राजा की एक मूर्ति भी है। अब यह मणिमंडपम उन सभी के लिए एक यात्रा स्थल बन गया है, जो चोल वंश के प्राचीन विश्व आकर्षण का अनुभव करना चाहते हैं।

अन्य आकर्षण