ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर बसा तेजपुर शहर असम का सबसे पुराना शहर है। यहां के चाय बागानों और हरे-भरे दृश्यों का क्या कहना!   गंतव्य का मुख्य विवरण   हरे-भरे चाय के बागान, मनोरम परिदृश्य और हिमालय की गोद में बसे धान के अंतहीन लहराते खेत, ये सब तेजपुर शहर की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं। तेजपुर असम के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। वेगवती ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर बसा तेजपुर शहर असम के सोनितपुर जिले का सबसे पुराना शहर है। अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर बसा असम का यह शहर, भारत के शानदार प्राकृतिक स्थलों से घिरा हुआ है। 

इस शांत शहर से कई किंवदंतियां जुड़ी हुई हैं। कहा जाता है कि इसी शहर में हरि (भगवान कृष्ण) और राजा बाणासुर (भगवान शिव के भक्त) के बीच युद्ध हुआ  था। स्थानीय लोगों का मानना है कि भगवान कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध, राजा बाणासुर की बेटी ऊषा से प्रेम करते थे, लेकिन बाणासुर को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। इसलिए राजा ने युवा राजकुमार अनिरुद्ध को जेल में डलवा दिया। जब भगवान कृष्ण को यह पता चला, तो उन्होंने पूरी ताकत के साथ राजा पर हमला कर दिया। बाणासुर की इस युद्ध में हार हुई और उसने भगवान कृष्ण से खुद को जीवित छोड़ देने का अनुरोध किया। इसके बाद बाणासुर ने ऊषा और अनिरुद्ध को रथ में बैठाकर भगवान कृष्ण को सौंप दिया।    म्लेच्छ वंश (650-900 ई.) के समय में तेजपुर को मूलतः हरूपेस्वरा के नाम से जाना जाता था। हरजर वर्मा के शिलालेखों में (829-30 ई.) के दौरान इस शहर का वर्णन मिलता है। आधुनिक काल में तेजपुर की स्थापना वर्ष 1835 में ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा की गई। ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे बसे होने के कारण तेजपुर शहर बंदरगाह के साथ-साथ व्यापार का एक महत्वपूर्ण केंद्र बना। आजादी के बाद भी इस शहर ने अपने महत्व को बरकरार रखा। देश का सबसे पहला इलेक्ट्रिक पॉवर स्टेशन (विद्युत ऊर्जा संयंत्र) यहीं स्थापित किया गया।