सुरम्य और मनमोहक, श्रीनगर उच्च हरित हिमालय पर स्थित है। यह अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता के लिए विश्व प्रसिद्ध है। पहाड़ की चोटियों, हरी-भरी घाटियों, चमचमाती झीलों, मंदिरों और मुगल-युग के शानदार बगीचों से घिरे इस शहर ने सदियों से कवियों को प्रेरित किया है। जम्मू और कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी, श्रीनगर, कश्मीर घाटी के बीचो बीच स्थित है, यहां स्थित नागिन और डल झील इसकी सुंदरता में और भी चार चांद लगा देतीं हैं।

1,730 मी. की ऊंचाई पर स्थित इस प्राचीन नगर में चिनार वृक्षों की कतारों वाली सड़कें और लकड़ी के अनूठे पुल भरे पड़े हैं। व्यस्त बाजार, सूफी मंदिर और किले इसकी सुन्दरता हैं। शहर के स्वादिष्ट कश्मीरी व्यंजन,आसपास के रसीले बागों के सेब और अखरोट के आकर्षण का कहना ही क्या!

राजतरंगिणी के लेखक कल्हण ने वर्ष 1148 में लिखे प्रारंभिक भारत के वृत्तान्त इतिहास के अनुसार सम्राट अशोक ने श्रीनगर की स्थापना तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में की थी। संभवत: वह श्रीनगर के वर्तमान शहर से थोड़ी दूर पर स्थित था। हालांकि, वाकाटक वंश के राजा प्रवरसेन द्वितीय (400-415 ईसा पूर्व) को वर्तमान श्रीनगर के संस्थापक होने का श्रेय दिया जाता है। अकबर कश्मीर घाटी पर कब्जा करने वाला पहला मुग़ल बादशाह था और उसने श्रीनगर में कुछ सुव्यवस्थित उद्यानों और मस्जिदों का निर्माण करवाया था। महाराजा रणजीत सिंह के शासनकाल के दौरान शहर की सुंदरता में काफी इजाफा हुआ। सर्दियों में, श्रीनगर नरम बर्फ से पूरी तरह ढक जाता है, तब इसकी सफेद चमक इसे और भी आकर्षक बना देती है। गर्मियों में, जैसे ही बर्फ पिघलती है, घास के मैदानों में फूल खिल उठते हैं। तब यह शहर एक कलाकार के कैनवास जैसा दिखने लगता है।