यह संग्रहालय तथा अनुसंधान व प्रकाशन केंद्र, शिलॉन्‍ग से 3 किमी दूर, पूर्वोत्तर भारत के जीवन, संस्कृति और इतिहास की झलक दिखलाता है। संग्रहालय, आदिवासी कलाकृतियों का एक आकर्षक भंडार है। इसका भवन सात मंजिल ऊंचा है, प्रत्येक मंजिल पूर्वोत्तर के सात-बहन राज्यों में से एक का प्रतिनिधित्व करती है। एक छत्ते के आकार की इस इमारत की वास्तुकला रोशनी और ताज़ा हवा को गुज़रने की खुली छूट देती है।

संग्रहालय में 17 दीर्घाएं हैं, जो आदिवासी टोकरीकला, हथियारों, संगीत वाद्ययंत्रों, वेशभूषाओं, दैनिक जीवन की वस्तुओं, आभूषणों और तस्वीरों को प्रदर्शित करती हैं। सुविधाओं के एक हिस्से के रूप में, इस केंद्र में अध्ययन के लिए 10,000 से अधिक पुस्‍तकों के साथ एक पुस्तकालय, एक मीडिया हॉल और एक कॉन्‍फ्रंस हॉल भी है। उपहारों की दुकान से पर्यटक अपने घर के लिए स्मृति चिह्न खरीद सकते हैं।

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