इस ऐतिहासिक शहर में कदम रखते ही अहसास होता है कि मानो आप इतिहास में चले गये हों। क्योंकि यहां कदम-कदम पर मंदिरों, स्मारकों, इमारतों आदि के रूप में बिखरा इतिहास अपनी गौरव गाथा सुनाता सा प्रतीत होता है। वैसे तो यहां के जैन गुफा एवं मंदिर अपनी नायाब कलाकृतियों और खूबसूरत कारीगरी के चलते प्रमुख आकर्षण का केन्द्र हैं, लेकिन  इनके अलावा यहां अनेकों ऐसे मकबरे, मंदिर और चट्टानों को काटकर बनाए गये स्मारक हैं, जो पर्यटकों का ध्यान खींचते हैं। यहां आकर सैलानी बेहद प्रचीन थिरुमयम किले में भी घूमने के लिए जा सकते हैं, जहां से आस-पास का नयनाभिराम दृश्य दिखाई देता है। इस इलाके के इतिहास को और अधिक गहराई से समझने के लिए प्रमुख संग्रहालय जरूर देखें, जहां खूबसूरत खुदाई में मिली मिट्टी और लड़की की प्राचीन मूर्तियां, पेंटिंग्स, कलाकृतियां और वाद्य-यंत्र प्रदर्शित किए गये हैं। 

पुदुक्कोट्टाई का एक अन्य आकर्षण यहां स्थित कुद्दुमियानमलई मंदिर है। चोल और नायक राजवंश के शासन काल में बनवाया गया यह मंदिर अपने 100 खंबों वाले हाल तथा यहां की दीवारों पर उकेरे गये संगीतिक स्वरों के लिए जाना जाता है। चट्टानों को काटकर बनाया गया यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है तथा इसके अलावा यहां बहुत से पूजनीय स्थल भी हैं। मंदिर के पास स्थित एक छोटी पहाड़ी पर 63 नयनार अभिलेख भी देखे जा सकते हैं। 

अन्य आकर्षण