आदिवासी आभूषण

छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्रों की महिलाएं विभिन्न प्रकार के आभूषण पहनती हैं। इनमें चांदी का हार जो सूता कहलाता है, नथ जो फूली कहलाती है, बाली एवं खूंठी, एेंठी जिसे पट्टे के साथ कलाई पर पहनते हैं। चूड़ा, कमर में पहनने वाली करधनी, भुजा के ऊपरी हिस्से में पहनी जाने वाली पौंछी तथा पैरों की उंगलियों में पहनी जाने वाली बिछिया शामिल हैं। ये सोने, चांदी, कांस्य अथवा मिश्रित धातुओं से बनाए जाते हैं। आदिवासी क्षेत्रों में मोतियों, कौड़ियों व पक्षियों के पंखों से बने आभूषण भी लोकप्रिय हैं। आप रायपुर में इन आभूषणों की ख़रीदारी कर सकते हैं।  

आदिवासी आभूषण

कोसा के कपड़े

यह प्रदेश अपने वस्त्रों के लिए प्रसिद्ध है जिनमें बस्तर के आदिवासियों द्वारा बुने गए कच्चे रेशम के कपड़े शामिल हैं। ये कपड़े कोसा रेशमी धागों से बनाए जाते हैं जो राज्य के वनों में पाए जाने वाले रेशम के कीड़ों से प्राप्त किए जाते हैं। कोसा रेशम से बने कपड़े हाथ से बुने जाते हैं तथा उन पर हाथ से छपाई की जाती है। हाथ से छपाई में आमतौर पर प्राकृतिक रंगां का उपयोग किया जाता है। कोसा साड़ियां, परिधान व पोशाकें तथा पर्दे आदि ख़रीद सकते हैं। 

कोसा के कपड़े

वॉल पेंटिंग

छत्तीसगढ़ की प्रतिष्ठित कला, गोंड वॉल पेंटिंग केवल कलाकारों के भावों की अभिव्यक्ति मात्र नहीं है, अपितु यह प्रदेश के जीवंत इतिहास का हिस्सा भी है। गोंड जो भारत के प्राचीन आदिवासी समुदायों में से एक है, इस समुदाय के लोग अपने घरों की दीवारों पर स्थानीय फूल-पत्तियों, जीव-जंतुओं एवं देवियों जैसे मराही देवी तथा फुलवारी देवी (काली मां) की रंग-बिरंगी आकृतियां उकेरते हैं। इन चित्रकारियों में अनुष्ठानों को भी स्थान दिया जाता है। ये चित्र रंगीन होते हैं तथा इनमें प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाता है। आप रायपुर में गोंड पेंटिंग वाले वॉल हेंगिंग, लैम्प शेड एवं अन्य घरेलू साज-सज्जा का सामान ख़रीद सकते हैं।

वॉल पेंटिंग

ढोकरा

छत्तीसगढ़ के प्रतीक इस लोकप्रिय शिल्प का निर्माण राज्य के बस्तर एवं रायगढ़ ज़िलों में अधिक होता है। आदिवासी शिल्पकार बेल धातु (जिसमें पीतल व कांस्य का इस्तेमाल होता है) की वस्तुएं पारंपरिक तकनीक से मोम अथवा खोल में डालकर बनाते हैं। 

ढोकरा

लकड़ी का सामान

बस्तर छत्तीसगढ़ में आदिवासियों का प्रमुख गढ़ है जो अनेक प्रकार के हस्तशिल्प के लिए प्रसिद्ध है जिनमें लकड़ी से बना सामान शामिल है। विभिन्न प्रकार की शिल्प वस्तुएं बनाने के लिए प्रदेश के कुशल शिल्पकार सागौन की लकड़ी, गुलाब की लकड़ी, सफेद लकड़ी समेत अनेक चीज़ों का उपयोग करते हैं।   

लकड़ी का सामान

बांस से बना सामान

छत्तीसगढ़ के आदिवासी शिल्पकार अनेक वर्षों से बांस की कई प्रकार की उपयोगी एवं घरेलू सजावटी वस्तुओं का निर्माण करते रहे हैं। राज्य में बांस प्रचुर मात्रा में मिलता है। बांस से बनी पारंपरिक वस्तुओं में कृषि के औज़ार, मछली पकड़ने का जाल, आखेट के हथियार एवं टोकरियां प्रमुख हैं। आप बांस से बनी वॉल हेंगिंग, टेबल लैम्प एवं टेबल मैट ख़रीद सकते हैं। 

बांस से बना सामान