पुदुचेरी, मस्तिष्क और आत्मा का ज्ञान अपने हृदय में संजोये है, जो रोमै रोलों पुस्तकालय का सिद्धांत है। 16 मई सन् 1827 को डेस्बासियों द रिशमौं द्वारा खोला गया यह पुस्तकालय अतेलिये दे पों-ए-शोसे के निकट स्थित था, लेकिन बाद में इसे रू दे कैपुसीं (रोमैं रोलों स्ट्रीट) में स्थानांतरित कर दिया गया। वास्तव में यह देश के सबसे पुराने पुस्तकालयों में से एक है। शुरू में इस पुस्तकालय में केवल यूरोपीयन ही जा सकते थे, लेकिन इसके खुलने के एक दशक बाद भारतीय को भी इसमे जाने की अनुमति मिली, ताकि उन्हें भी फ्रांसीसी भाषा का ज्ञान हो सके। सन् 1852 में पुस्तकालय में एक अभिलेखागार अनुभाग, एक अनुलग्न के रूप में जोड़ा गया। फ्रांसीसी विद्वान रोमैं रोलों की जन्म शताब्दी में इस पुस्तकालय का नामकरण रोमैं रोलों पुस्तकालय कर दिया गया और इसे स्थानांतरित वर्तमान स्थान पर कर दिया गया। इस समय इस पुस्तकालय में अंग्रेजी और फ्रांसीसी पुस्तकों के तीन लाख से अधिक प्रतियां हैं। यह एक चल पुस्तकालय सेवा भी चलाता है जिसमें 8,000 से अधिक पुस्तकों का संग्रह आसपास के कस्बों और गांवों में ले जाया जाता है ताकि पुस्तकें सभी व्यक्ति तक आसानी से पहुंच सके।

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