मुगल सम्राट शाहजहां के नाम से ज्ञात यह क़िला पंजाब के गुरदासपुर के पर्यटन का प्रमुख आकर्षण है। भव्य हिमालय की तलहटी में स्थित, यह क़िला पठानकोट की समृद्ध परंपरा और इतिहास को समझने का अवसर प्रदान करता है। किले में देखने लायक़ चीज़ें हैं इसकी जटिल नक्क़ाशी, आलीशान बनावट और यह तथ्य कि यह सुरम्य हिमालय की तलहटी और रावी नदी के शानदार दृश्य को प्रस्तुत करता है। ब्रिटिश शासन के दौरान नष्ट कर दिए गए क़िले के चारों ओर के खंडहर भी देखने लायक हैं क्योंकि वे पठान वंश के गौरवशाली अतीत के बारे में भरपूर जानकारी देते हैं।


क़िले का निर्माण शाहजहां के राजपूत सरदार जसपाल सिंह पठानिया द्वारा सन् 1505 में किया गया था, जिसका उद्देश्य नूरपुर और कांगड़ा के क्षेत्रों की रक्षा करना था। इस क़िले ने 1848 ई. में राम सिंह पठानिया की अंतिम शरणस्थली की भूमिका भी निभायी थी, जब उन्होंने ब्रिटिश शासन के अत्याचारों के ख़िलाफ़ विद्रोह कर दिया था।

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