इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च इन न्यूमिज़माटिक स्टडीज के तहत वर्ष 1980 में स्थापित, सिक्का संग्रहालय एशिया में अपनी तरह का एकमात्र संग्रहालय है। इसमें टेराकोटा, तांबे की वस्तुओं, पेंटिग्स और कई ऐतिहासिक कलाकृतियों के साथ भारतीय मुद्राओं के प्रलेखित इतिहास का एक अच्छा संग्रह है।
संग्रहालय पुराने समय की दुर्लभ और अद्वितीय सिक्कों को प्रदर्शित करता है। उज्जैन, कुषाण, क्षत्रप, नागा, वल्लभ, गुप्त, कलचुरि, गध्या, परमार आदि के राजवंशों और शासकों के शासन काल के सिक्कों के माध्यम से भारत के इतिहास का पता लगता है। आप दिल्ली सल्तनत, मालवा सुल्तान और मुगल कब्जे के दिनों के अवशेष भी देख सकते हैं। इसके अलावा, आपको इस सुव्यवस्थित संग्रहालय में पंच चिह्नित सिक्के, ढले सिक्के और होलकर सिक्के भी देखने को मिलेंगे।
भारत के समृद्ध और रंगीन अतीत की झलक देता, सिक्का संग्रहालय को बच्चों और इतिहास में रूचि रखने वालो को अवश्य देखना चाहिए। मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि इन्हें देखते-समझते घंटे ऐसे बीत जाऐंगे और आपको समय का पता भी न चलेगा।

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