सिलाव खाजा नालंदा का एक पारंपरिक व्यंजन है जिसे भौगोलिक पहचान मिला हुआ है। सिलाव खाजा अपने स्वाद, कुरकुरापन और बहुस्तरीय बनावट के लिए जाना जाता है। यह सिलाव की जलवायु परिस्थितियों और वहां के पानी के कारण है। इस स्वादिष्ट मिठाई में बारह से सोलह बहुत पतली आटा की परतें एक दूसरे के ऊपर होती हैं। यह गेहूं के आटे, मैदे, चीनी, घी, इलायची और सौंफ से बनाया जाता है। एक प्रचलित मान्यता के अनुसार, भगवान बुद्ध को सिलाव के स्थानीय लोगों द्वारा सिलाव खाजा परोसा गया था, जब वे राजगीर से नालंदा की यात्रा कर रहे थे।

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