भगवान विष्णु को समर्पित, रंगनाथस्वामी मंदिर शहर की परिधि में स्थित श्रीरंगपटना के सबसे महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है। वास्तव में, इस शहर का नाम भी इसी मंदिर के नाम पर पड़ा है। पीठासीन देवता की पूजा भगवान रंगनाथ के रूप में की जाती है। देवता की मूर्ति को नाग अनादि शेष के बिस्तर पर आराम करते हुए दर्शाया गया है, जिनके सात सिर हैं तथा उन्हें हमेशा भगवान विष्णु के साथी के रूप में चित्रित किया जाता है। माना जाता है कि यह मंदिर भगवान की आठ स्वयंभू मूर्तियों में से एक है। देश के सबसे बड़े मंदिरों में से एक, यह मंदिर 156 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है और इसमें सात से अधिक बाड़ें व 21 भव्य टॉवर स्थित हैं। यह कोलरून और कावेरी नदियों द्वारा बनाये गये द्वीप पर स्थित है। इस मंदिर में दिसंबर और जनवरी में आयोजित 21-दिवसीय वार्षिक उत्सव के दौरान विशाल संख्या में लोग आते हैं। 

संगम काल के दौरान, 10वीं शताब्दी ईस्वी में मंदिर और महाकाव्य सिलपदिकाराम की दीवारों पर शिलालेख के तमिल साहित्य में भी इसका उल्लेख मिलता है।

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