पक्षी-प्रेमियों के लिए स्वर्ग माना जाने वाला रंगनाथिटु पक्षी अभयारण्य प्रकृति को निकटता से देखने का अवसर देता है। विदेशी और स्थानिक पक्षियों से लेकर मगरमच्छों तक, अभयारण्य वन्यजीव के प्रेमियों के लिए एक सुखद अनुभव है। अगर किस्मत अच्छी हो तो यहां वो पक्षी भी यहां आ सकते हैं जो यहां अपने घर बनाने के लिए साइबेरिया से आते हैं। यहाँ आप जिन पक्षियों को देख सकते हैं, उनमें से कुछ हैं, डार्टर, मोर, तालाब का बगुला, जंगली बत्तख, बड़े पनकौवा, बगुला, ग्रेट स्टोन प्लवर, किंगफिशर, गाय बगुला, छोटी सील्ही, भारतीय शैल अबाबील, ग्रेट स्टोन प्लवर, रिवर टर्न, स्ट्रेक-थ्रोटेड स्वॉलो और अन्य। यहाँ पाए जाने वाले सरीसृप और स्तनधारियों में फ्लाइंग फॉक्स, पाम सिवेट, कॉमन ओटर, बोनट मैकाक और मार्श मगरमच्छ शामिल हैं। अभयारण्य को अच्छे से जानने का सबसे अच्छा तरीका नाव के द्वारा सुबह के शुरुआती घंटों में घुमना है। शहर के बाहरी इलाके में स्थित अभयारण्य, 40 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है और इसमें छह छोटे द्वीप शामिल हैं। बांस के पेड़ सुरम्य वातावरण बनाते हैं, जो इस क्षेत्र के पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग के जैसा है। यह प्रसिद्ध पक्षी विज्ञानी डॉ. सलीम अली के प्रयासों का परिणाम है, जिन्होंने मैसूर के तत्कालीन राजा को पक्षी अभयारण्य बनाने के लिए राजी किया था।