ब्रिटिश शासन काल से एक लोकप्रिय बसेरा, चकराता एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल है, जो यमुना घाटी और घने जंगलों के मनोरम दृश्य प्रदान करता है। चकराता के आसपास के जंगल में अद्भुत वनस्पति व जीव हैं। यह पैंथर, चित्तीदार हिरण और जंगली मुर्गे सहित कई वन्यजीवन प्रजातियों का प्राकृतिक आवास है। जैसे ही आप चकराता में प्रवेश करते हैं, आप एक छोटे से केंद्रीय चौक पर आते हैं, जहाँ से सड़क दो तरफ जाती है। सीधी जाने वाली सड़क तिउनी रोड है, जबकि दाईं ओर की सड़क मसूरी-यमुनोत्री हाईवे से जुड़ती है। मसूरी रोड पर, बस कुछ ही मिनटों की दूरी पर, एक सड़क दाईं ओर को उस स्थानीय बाज़ार में खुलती है जो दुकानदारों के लिए स्वर्ग है। चकराता से 5 किमी की दूरी पर टाइगर फॉल्स है, जो 300 मीटर की ऊंचाई से एक चट्टानी ताल में छपछपाता है और आगंतुकों व ट्रेकर्स के लिए एक रोमांचक नज़ारा पेश करता है।

शीतल व सुखद पर्यावरण चकराता प्रवास को अधिक मज़ेदार बनाता है। इसके अलावा, चकराता की उत्तरी ढलान स्कीइंग और ट्रेकिंग के लिए आदर्श है। पर्वतारोहियों के लिए एक विशेष आकर्षण 'खरम्बा पीक' है, जो लगभग 10,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित यहां की सबसे ऊंची चोटी है।

चकराता से लगभग 13 किमी दूर देवबन क्षेत्र में घने देवदार के जंगल हैं जो उत्कृष्ट श्रेणी का एक करीबी हिमालयी दृश्य पेश करते हैं। बर्डवाॅचिंग के लिए देवबन को सबसे अच्छे स्थानों में से एक माना जाता है। 9,400 फीट की ऊंचाई पर नीले आसमान के नीचे स्थित इस दर्शनीय चरागाह पर बिरले ही भीड़ होती है।

पास का ही एक और आकर्षण बुधेेर गुफाएं हैं, जो 2,738 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं। चकराता से लगभग 22 किमी दूर स्थित, इन गुफाओं को इन्हें खोजने वाले जर्मन नागरिक मिओला के नाम पर मिओला गुफाओं के रूप में भी जाना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार माना जाता है कि गुफाओं का निर्माण महाकाव्य महाभारत के पांडवों द्वारा किया गया है, और उनकी लंबाई 150 किमी तक है। इन तक बुधेर फ़ॉरेस्ट रेस्ट हाउस तक ड्राइव करके पहुंचा जा सकता है और फिर 2.5-3 किमी ऊपर मिओला टॉप तक ट्रेकिंग की जा सकती है। गुफाओं तक जाने वाला रास्ता काफी संकरा, लेकिन अद्भुत है। बुधेर गुफाओं का प्रवेश द्वार खूबसूरत चरागाहों से घिरा हुआ है। कहा जाता है कि गुफाओं का परला छोर अभी भी अनखोजा है क्योंकि यहां की ट्रेकिंग डगर बहुत कठिन है।

अन्य आकर्षण