उत्तराखंड में मसूरी का अद्भुत हिल स्टेशन, एक ऐसा अति-लोकप्रिय ग्रीष्‍मकालीन प्रस्‍थान बिंदु है, जो धुंध में डूबा रहता है, और जब यह धुंध छंटती है ताे सामने यह खूबसूरत मंज़र आता है-बर्फ का ताज सजाए हिमालय और हरी-भरी दून घाटी। प्‍यार से हिल स्‍टेशनों की रानी कहलाये जाने वाले मसूरी के भूगोल में झरनों और पहाड़ियों जैसे शानदार कुदरती नज़ारे हैं। यह साहस अभियान प्रेमियों और रोमांच चाहने वालों को आमंत्रित करता है कि वे पैराग्लाइडिंग, ट्रेकिंग, कैम्पिंग के ज़रिये यहां के इलाकों को टटोलें। मसूरी में जगह-जगह पर मंदिर हैं, जहां आध्यात्मिक शांति में कुछ पल बिताये जा सकते हैं। इस सैलानी नगर के हरे-भरे स्थान प्रकृति की टहल के लिए शानदार रास्ते प्रदान करते हैं।

मसूरी शराब बनाने के लिए भी प्रसिद्ध है। असल में, ब्रिटिश काल में, यहां मैक्‍किनॉन ब्रूअरी जैसी कई नामचीन ब्रुअरीज़/शराब की भट्टियां हुआ करती थीं, जो 1880 के शुरुआती दशक में इंग्लैंड को मदिरा निर्यात करती थीं। कहा जाता है कि यहां की ठंडी-ठंडी फिज़ां में इकट्ठा होते वक्‍त अंग्रेज़ अफसर अपनी-अपनी मदिराओं का जुगाड़ करते। और फिर, उनमें से कुछ ने पूरे देश की छावनियों को मदिरा सप्‍लाई करने वाली ब्रुअरीज़ यहां स्थापित की। एक किंवदंती है कि ग़ालिब तक भी मसूरी की शराब के पारखी मुरीद थे।
आज, जबकि ये ब्रुअरीज़ अब मौजूद नहीं हैं, मसूरी, आराम से आग तापते हुए एक उम्‍दा शराब पीने के लिए एक बढि़या जगह है।
मसूरी की स्थापना वर्ष 1823 में अंग्रेज़ों द्वारा की गई थी और इसकी तमाम इमारतों जैसे कि चर्च, पुस्तकालय, होटल और ग्रीष्‍मकालीन महलों में औपनिवेशिक वास्तुकला की छाप अभी भी देखी जा सकती है। कथाओं के मुताबिक मसूरी का नाम एक स्‍थानीय झाड़ी 'मंसूर' से आया है। मसूरी की कुदरती खूबसूरती और इसके खुशगवार मौसम के चलते बहुतों ने इसे अपना घर बनाया है। सर जॉर्ज एवरेस्ट, जिन्होंने दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट (कालांतर में उनके नाम पर) की ऊंचाई नापने में, ब्रिटिशों की मदद की थी, वे भी यहां बस गये थे।

ब्रिटिश शासन समाप्‍त होने के बाद, मसूरी तब लोकप्रिय हो गई जब भारतीय नेताओं, लेखकों, कलाकारों और बॉलीवुड सुपरस्टारों सहित भारतीय हस्तियों ने मसूरी को अपना घर बनाया। इनमें से सबसे मशहूर, लेखक रस्किन बॉन्ड हैं, जो अभी भी यहां रहते हैं और अक्सर जंगली वादियों में लंबी सैर करते हुए देखे जा सकते हैं।