यह विचित्र और आकर्षक शहर मथुरा शहर के बाहरी इलाके में स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि इस क्षेत्र पर भगवान कृष्ण के बड़े भाई भगवान बलराम का शासन था। इसलिए बलदेव जी को मथुरा और अन्य आसपास के शहरों में दाऊजी भी कहा जाता है। इस क्षेत्र में भगवान बलराम को प्रायः दाऊजी महाराज कहा जाता है।
यहां आकर बलदेव मंदिर के दर्शन भी अवश्य करने होते हैं और भक्तगण यहां रेवती और भगवान बलराम की पूजा करने आते हैं, जिनकी मूर्तियों को पत्थर पर उकेरा गया है। ऐसा माना जाता है कि इसे 1580 ईसवी के आसपास बनाया गया था और इस मंदिर की स्थापना का दिन प्रतिवर्ष दिसंबर के महीने में मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। एक मान्यता के अनुसार मंदिर में जिस मूर्ति की पूजा की जाती है, वह बलभद्र कुंड नामक सरोवर में मिली थी।
इस शहर में होली बड़े स्तर पर मनाई जाती है और इसे दाऊजी का हुरंगा कहा जाता है। इस उत्सव में भाग लेने के लिए देशभर के भक्तगण बलदेव मंदिर आते हैं।

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