शाहसूर, जिसका अर्थ है नीला देवदार, हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले का एक प्रसिद्ध बौद्ध मठ है। यह 600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। किंवदंती यह है कि इस मठ का निर्माण 17 वीं शताब्दी के दौरान लामा देव ग्यात्सो ने कराया था जो भूटान के तत्कालीन राजा नवांग नामग्याल के मिशनरी थे। कहा जाता है कि लामा अपने अंतिम दिनों तक यहीं रहे। इस तीन मंजिला गोम्पा (मठ) की दीवारों को 5 मीटर लंबी थंगका (एक धार्मिक पेंटिंग या स्क्रॉल) और नामग्याल की मूर्ति के साथ-साथ चमकीले चित्रकारियों से सजाया गया है जो बौद्ध धर्म के 84 सिद्धों को चित्रित करते हैं। हालां कि मठ में सालो भर से दूर-दूर से पर्यटक आते हैं, पर जून और जुलाई के महीने जब यह मठ अपना वार्षिक उत्सव मनाता है उस वक्त सबसे अधिक पर्यटक यहां आते हैं। इस त्योहार का मुख्य आकर्षण, पारंपरिक चाम (चाम) या मुखौटा नृत्य है, जो यहां के भिक्षुओं द्वारा किया जाता है।

अन्य आकर्षण