हाल ही में निर्मित यह संग्रहालयए मामल्लपुरम के वैभव के अलावा संगम युग की विरासत ;5 वीं शताब्दी ईसा पूर्व. तीसरी शताब्दी ईसा पूर्वद्ध को दर्शाता है। संग्रहालय में पत्थरों से निर्मित दुर्लभ वस्तुएओं जैसे कि सजावटी पहियेए जंजीरोंए बर्तनोंए आदि के साथ.साथ छेनी और मैलेट जैसे औज़ार भी प्रदर्शित हैंए जिनका उपयोग उस समय इन सब वस्तुओं के निर्माण के लिए किया जाता था। यहां करीब 200 से अधिक वस्तुओं का प्रदर्शन किया गया है। संग्रहालय में प्रदर्शित अधिकांश मूर्तियां ग्रेनाइट से बनी हुई हैं। ओपन.एयर म्यूज़ियम शोर मंदिर के निकट हैए यह तमिलनाडु की संस्कृति को खूबसूरती से चित्रित करता है। यहां एक गैलरी भी हैए जहां ग्रेनाइट से बनी वस्तुएं सहित छवियांए मूर्तियांए एवं चित्र प्रदर्शित हैं। संग्रहालय में प्रदर्शित कई मूर्तियां मामल्लपुरम कॉलेज ऑफ स्कल्पिंग के छात्रों द्वारा बनाई गई हैं। इस तरह के संग्रहालय को देखने के बाद पर्यटकों को राज्य में मूर्तिकला के विकास के बारे में जानने का मौका मिलता है।

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