प्रसिद्ध मीनाक्षी मंदिर में दर्शन कर के जब आप निकलेंगे, तो बिलकुल नज़दीक ही स्थित ‘तेप्पकुलम’ नामक सुन्दर श्र्द्धास्थल का भ्रमण करना बिलकुल भी न भूलें। दिलचस्प बात है कि ‘तेप्पकुलम’ शब्द का अर्थ ही धार्मिक प्रयोजनों के लिए उपयोग किया जाने वाला तालाब होता है, और इस मंदिर के इतनी निकट स्थित सरोवर भक्तों के लिए स्वयं में भी एक यात्रा स्थल जैसा ही महत्त्व रखता है। भगवान गणेश के विघ्नेश्वर नामक स्वरूप को समर्पित इस मंदिर के परिसर में वह विशाल सरोवर अवस्थित है, जो समूचे तमिलनाडु राज्य के सबसे बड़े तालाब होने के लिए सुविख्यात है। इसके चारों तरफ घाट बने हुए हैं, और उन में से प्रत्येक घाट पर ग्रेनाइट नाम के कड़े चट्टानी पत्थर से बनी हुई 12 लंबी सीढ़ियाँ मौजूद हैं। आप पाएँगे कि इस तालाब का सबसे सुंदर आकर्षण इसमें स्थित मैया मंडपम नाम का एक मंडप है, जिसमें भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित है। 

मदुरै के शासक राजाथिरुमलाई नायक की जयंती पर हर साल थाई के महीने में अर्थात जनवरी-फरवरी के दौरान यहाँ के सबसे रंगीन मंदिर त्योहारों में से एक आयोजित किया जाता है, जिसे लोग ‘फ्लोट फेस्टिवल’ के नाम से जानते हैं। 

इस अद्भुत पर्व के अवसर पर, देवी मीनाक्षी और भगवान सुंदरेश्वर के विग्रहों को रंगीन फूलों से सुसज्जित एक ख़ूबसूरत ‘तप्पम’ अर्थात नाव में इस सरोवर तक ले जाया जाता है। इस दौरान पृष्ठभूमि में बज रहे पारंपरिक संगीत की धुन पर थिरक रहे सैकड़ों भक्त चारों ओर से हुजूम बना कर उस ‘थेप्पम’ अर्थात नाव को निहार रहे होते हैं। किंवदंती है कि आलीशान थिरुमाला नायक महल के निर्माण के लिए इस स्थान की रेत का उपयोग करने के लिए ही इस सरोवर को खोदा गया था, और बाद में इसे ईंटों से ढक दिया गया और एक धार्मिक जल स्रोत के रूप में प्रयोग किया जाने लगा। वहीं एक अन्य किंवदंती के अनुसार इस स्थान की खुदाई में भगवान की मूर्ति प्राप्त हुई थी, जिसके कारण इस सरोवर के प्रति लोगों में स्वतः ही धार्मिक श्रद्धा का प्रादुर्भाव हो गया।

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