लेह के बाहरी इलाके में प्रसिद्ध तिब्बती चोकटे टेबल के कारीगरों की बस्ती है चोगलमसर।  समुद्र तल से लगभग 11ए000 फुट की ऊंचाई पर सिंधु नदी के साथ यह गांव फैला हुआ है। इस गांव में  तिब्बती चोकटे टेबल बनाने वाले हस्तशिल्पी रहते हैं। यही नहीं हस्तशिल्प की धरोहर समेटे इस गाँव में एक हस्तशिल्प केंद्र भी हैए जो मुख्य रूप से कालीन बुनाई के लिए प्रसिद्ध है।  इस गांव के कई कारीगर अपने माल को बेचने के लिए शहर जाते हैं। इस गांव में एक खूबसूरत गोम्पा भी हैए जो छोटी सी पहाड़ी पर स्थित है। जो गोम्पा को इतना आकर्षक बनाता है। इसका सामने वाला सुनहरा भाग दूर से ही चमकता है।  गोम्पा आसपास के नजारे को और सुंदर बनाता है।  आप केन्द्रीय बौद्ध रिसर्च सेंटर भी जा सकते हैं।  दलाई लामा का चोगलामसर में प्रार्थना का स्थान है।  इसका नाम जीवत्सल है।  यह  शांति व ध्यान के लिए बहुत अच्छा स्थान है।   स्पितुकए साबू और संकर के मठ पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

अन्य आकर्षण