हिमालय की एकांत पर्वत श्रृंखलाओं में बसा, उत्तराखंड में, लैंसडाउन, हरे रंग का एक विशाल विस्तार है, जिसकी प्राकृतिक सुंदरता अभी भी नष्ट नहीं हुई है। सुंदर नीले देवदार के जंगल और शाहबलूत के घने जंगलों से घिरा यह पर्वतीय शहर, समुद्र तल से लगभग 1,700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। हर ओर फैले आकर्षक गिरजाघर, जहां नजर डालो वहां छितराई फूलों की घनी झाड़ियों और छोटे तालाबों के अलावा, लैंसडाउन में कई विलक्षण आकर्षण हैं, जो इसके सुकून भरे माहौल में और बढ़ोतरी कर देते हैं। 

 भारत के तत्कालीन वायसराय, लॉर्ड लैंसडाउन के नाम पर बने इस औपनिवेशिक शहर में आसानी से अपने वाहनों से पहुंचा जा सकता है, फिर भी यह अपने में एक एकांत और निर्जनता समेटे हुए है। 1887 में ब्रिटिश छावनी के रूप में इसकी स्थापना हुई थी। आज, यह भारतीय सेना की गढ़वाल राइफल्स का मुख्यालय है और यहां जहां नजर घुमाएं, मंदिर ही मंदिर दिखाई देते हैं। यही नहीं, बद्रीनाथ, हेमकुंड और फूलों की घाटी जैसे कई महत्वपूर्ण स्थानों पर जाने के लिए यहीं से होकर गुजरना पड़ता है, जबकि केदारनाथ और कॉर्बेट नेशनल पार्क इसके पास ही स्थित हैं।