राज्य में नारियल के पेड़ों की बहुतायत होने के कारण, केरल के प्रतिभाशाली शिल्पकार अपनी रचनात्मकता के साथ युगों से प्रयोग कर रहे हैं और नारियल के खोल या बाहरी आवरण से सुंदर उत्पाद बना रहे हैं। यह तथ्य कि ये खोल बायोडिग्रेडेबल हैं, और पर्यावरण के अनुकूल आकर्षक उत्पादों को बनाने में मदद करते हैं। केरल के लोग नारियल के खोल से आकर्षित करने वाली वस्तुएं बड़े पैमाने पर बना रहे हैं। प्रक्रिया एक बहुत ही जटिल है और सबसे पहले, सख्त नारियल के खोल को सपाट किया जाता है और फिर उसे काट कर उस पर विशेष रूप से इस उद्देश्य के लिए डिज़ाइन किए गए पैने उपकरणों से इन पर नक्काशी की जाती है। दैनिक उपयोग की वस्तुओं से लेकर कटोरे, चायदानी, कप, चम्मच और एश-ट्रे से लेकर जैसे सजावटी सामान जैसे कि लैंप शेड, गुलदस्ते, दीवार पर टांगने की हैंगिंग और फर्श के मैट, कुमारकोम में नारियल के खोल से बनी चीजें हस्तशिल्प की दुकानों में मिलते हैं। उनकी विविधता देख पर्यटक दंग रहे जाते हैं। नारियल के खोल से बने हुक्के और बड़े फूलदानों की सुंदरता को बढ़ाने और उनको टिकाऊ बनाने के लिए पीतल के चीजों में भी रखे जाने लगे हैं। कुमारकोम आने वाले पर्यटक शंख और सीपियों से बनी चीजें, जूट के उत्पाद या स्नेक बोट के मॉडल भी खरीद सकते हैं। ग्रेनाइट और धातु के आभूषणों से बनी मूर्तियां भी आगंतुकों बहुत पसंद करते हैं।

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