जोरासांको ठाकुर बारी, यह कवि और नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के परिवार का पैतृक निवास है, इसे हाउस ऑफ द ठाकुर्स भी कहते हैं, यह कोलकाता के उत्तर में स्थित है। टैगोर का जन्म इसी घर में हुआ था और उन्होंने अपना अधिकांश बचपन यहीं बिताया। आजकल इस निवास स्थान को मरम्मत करके टैगोर संग्रहालय में बदल दिया गया है, यह एक रोमांचकारी पर्यटक स्थल है। पर्यटक यहां पर टैगोर परिवार के बारे में कई ऐतिहासिक नगीने देख सकते हैं, जिसमें बंगाल पुनर्जागरण और ब्रह्म समाज के प्रति उनका योगदान भी शामिल है। यहां टैगोर की 700 पेंटिंग प्रदर्शित की गई हैं, साथ ही टैगोर की शादी का एक स्व-निर्मित निमंत्रण-पत्र भी प्रदर्शित किया गया है। तीन दीर्घाओं में विभाजित इस संग्रहालय में विभिन्न पुस्तकों, पांडुलिपियों और प्राचीन वस्तुओं को भी रखा गया है।
जोरासांको ठाकुर बाड़ी वर्ष 1784 में बनाया गया था और यह रबीन्द्र भारती विश्वविद्यालय के नजदीक स्थित है, जो अपने प्रतिष्ठित शिक्षा कार्यक्रम के लिए जाना जाता है।

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