प्रेसीडेंसी कॉलेज (और अन्य कॉलेजों) के छात्रों और पूर्व छात्रों तथा बुद्धिजीवियों का केंद्र रहा इंडियन कॉफी हाउस की स्थापना वर्ष 1942 में की गई थी। यह ठीक प्रेसीडेंसी कॉलेज के विपरीत स्थित है। तब से, यह शीर्ष कवियों, कलाकारों, साहित्यकारों और फिल्म निर्माताओं की मेजबानी करता रहा है, जिसमें सत्यजीत रे, अमर्त्य सेन, मृणाल सेन, अपर्णा सेन, ऋत्विक घटक, नारायण गंगोपाध्याय, सुनील गंगोपाध्याय, संजीव चट्टोपाध्याय, समरेश मजूमदार, सुभाष मुखोपाध्याय और शक्ति चट्टोपाध्याय शामिल हैं। इंडियन कॉफी हाउस को प्रसिद्ध साहित्यिक और सांस्कृतिक आंदोलन के घटनास्थल के रूप में देखा जाता है, जहां कवि भाइयों मलय रॉयचौधरी और समीर रॉयचौधरी को इस आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। ऐसी कई पत्रिकाएं हैं, जिनको निकालने की योजना यहां पर कॉफी पर चर्चा के दौरान ही बनी। इसे लोग कॉलेज स्ट्रीट कॉफी हाउस के रूप में भी जानते हैं, भले ही यह बंकिम चटर्जी स्ट्रीट पर स्थित है।
कॉफी बोर्ड ने अल्बर्ट हॉल से एक कॉफी जाइंट शुरू करने का फैसला किया और जल्द ही इसे लोकप्रियता मिली। इसका नाम सरकार द्वारा वर्ष 1947 में कॉफी हाउस कर दिया गया।

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