पन्ना खजुराहो से लगभग 40 कि.मी दूर स्थित, 17वीं शताब्दी ईस्वी में पन्ना महाराजा छत्रसाल के राज्य की राजधानी थी। हीरे का खनन केंद्र होने के कारण इस शहर का नाम पन्ना है। यह शहर पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के लिए भी लोकप्रिय है, जो भारत के सर्वाधिक लोकप्रिय वन्य जीवन अभयारण्यों भी में से एक है, जहां बाघ और अन्य वन्यजीवों की कई प्रजातियां पाई जाती है।

राष्ट्रीय उद्यान में मौज़ूद केन एक घुमावदार नदी है और इसमें शानदार झरने भी देखने को मिलते है। राष्ट्रीय उद्यान वन्यजीव और साहस तथा रोमांच प्रेमियों को भी अपनी ओर आकर्षित करता है। वहां एक घड़ियाल देखा गया है। यह मगरमच्छ परिवार का एक विशाल सरीसृप है जो केवल भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता है। कई प्रकार के फल-फूल भी दर्शनीय हैं। यहां एक या दो दिन बिताएं और जीप पर या हाथी पर बैठ कर इस जगह का अन्वेषण करें। आप खूब आनंदित होंगे।

यग पार्क किसी ज़माने में पन्ना, बिजावर और छतरपुर राज्यों के शासकों का शिकारगाह हुआ करता था। पन्ना राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1981 में की गई थी, यह मध्य प्रदेश का पांचवा और भारत का 22 वां बाघ अभिरक्षित स्थान है।

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