भारतीय मूर्तिकारों के कौशल के प्रमाण के रूप में खजुराहो मंदिर एक उत्कृष्ट कला संरचना का परिचायक है। मंदिरों के सौन्दर्य और लालित्य शब्दों में बयान नहीं किया जाता। इन मूरतों में मानवीय भावनाओं का हैरान कर देने वाला स्पष्ट और निःसङ्कोच वर्णन मिलता है, जैसे भावनाएं मूरतों में ढल गयी हों।

लगभग 25 मंदिर हैं, जो 6 की.मी के क्षेत्र में हैं। इन मंदिरों को उनकी दिशा के हिसाब से बांटा गया है: पश्चिमी मंदिर समूह, पूर्वी मंदिर समूह और दक्षिणी मंदिर समूह। ये मंदिर समूह हिन्दू देवी-देवताओं और जैन संप्रदाय दोनों को समर्पित हैं।

शिव भगवान के 6 मंदिर है, तो विष्णु भगवान के 8 और वही गणेश और सूर्य भगवान के लिए एक-एक मंदिर समर्पित हैं, जबकि तीन जैन तीर्थंकरों (संतों) को समर्पित हैं। कंदरिया महादेव मंदिर सबसे विशाल मंदिर है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह शिव के चार पवित्र स्थानों में से एक है। बाकी के तीन शिवमंदिर काशी, केदारनाथ और गया में हैं।

इन मंदिरों की मनमोहक सुंदरता, उनके विस्तार और गहन नक्काशी और मूर्तियों में रची-बसी हैं, जिसमें दैनिक जीवन को प्रतिबिंबित करने वाली झलक है।

पूर्वीय मंदिरों समूह में चार जैन मंदिर हैं। इनमें आदिनाथ, शांतिनाथ, पारसनाथ और घंटाई मंदिर शामिल हैं, जिनका निर्माण चंदेला शासनकाल के दौरान करवाया गया था।

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