पवित्र गंगा नदी के तट पर बसा कानपुर एक ऐसा भारतीय शहर है, जो अपनी बहुत सी विशेषताओं के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से करीब 80 किमी दूर कानपुर, को सछेंदी रियासत के राजा हिन्दु सिंह ने बसाया था। शुरूआत में इसका कॉनपोर था, जो समय के साथ बदलते-बदलते कानपुर हो गया। इस शहर की आध्यात्मिक और ऐतिहासिक जड़े बेहद मजबूत और गहरी हैं। इस शहर में एक ही जगह आपको जीवन के दो अलग-अलग रंग दिखते हैं। शहर का एक हिस्सा जहां तेज रफ्तार जिंदगी, लोगों की गहमागहमी और चमड़े के छोटे-बड़े कारखानों से घिरा नजर आता है, वहीं इसी शहर में एक हिस्सा ऐसा भी है, जहां आपको दाढ़ में पान का बीड़ा दबाए, गपशप करते हुए लोग बेफिक्र अंदाज में दिखाई देते हैं। मानो दुनिया की भागमभाग से उन्होंने अभी तक खुद को बचाकर सामान्य बनाया हुआ है। उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े शहरों में से एक कानपुर, खरीददारी के शौकीनों के लिए तो स्वर्ग है। क्योंकि चमड़े से बने सामान और सूती कपड़े की जो वैरायटी यहां मिलेगी, वह आपको कहीं और मुश्किल से ही मिलेगी। धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए यहां अनेकों मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघर हैं, जो इस बात की गवाही देते हैं कि यह शहर आध्यात्म और आस्था से कितनी मजबूती से जुड़ा हुआ है। भारतीयों द्वारा अंग्रेजों के खिलाफ सन 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में कानपुर की विशेष भूमिका थी, जिसे अंग्रेजों ने सिपाही विद्रोह और ग़दर का नाम दिया था।