मध्य प्रदेश राज्य मे मालवा पठार के बीचोबीच स्थित, इंदौर शहर जो की भव्य स्मारकों, प्राचीन मंदिरों और वास्तु-कला से संबंधी मनमोहक दृश्यों का गढ़ है, जो पराक्रमी होलकर वंश के राजाओं की विरासत रहा है, जो, उस समय वहां के शासक थे। इतिहास में दर्ज, इंदौर बहुत रौनक भरा शहर है, जिसमें गहरे आध्यात्मिक संबंध के साथ व्यस्त पाक दृश्य ओर व्यवसायिक बाज़ार है। असल में, इसका नाम 18 वीं शताब्दी के प्रसिद्ध मंदिर इंद्रेश्वर से लिया गया है। 

16 वीं शताब्दी के दौरान दक्कन और दिल्ली क्षेत्र के बीच एक व्यापारिक केंद्र, इंदौर की स्थापना प्रदेश मे जमींदारों के प्रमुख राव नंदलाल चौधरी ने 18 वीं शताब्दी में की थी । इतिहास के पन्नों से पता चलता है कि शहर के पूर्वज मालवा के जमींदार थे। यह सरस्वती नदी जो की पहले यहाँ हुआ करती थी (अब नहीं है) और खान नदी के किनारों पर होलकर की सुआयोजित राजधानी के रूप में विकसित हुआ था।