गंगोत्री केवल आध्यात्मिक खोज में निकले लोगों के लिए ही नहीं बल्कि रोमांच के शौकीन घुमक्कड़ों और ट्रैकिंग के दीवाने सैलानियों के भी है। हिमालय के गढ़वाल क्षेत्र में गोमुख-तपोवन-नंदनवन एक प्रमुख ट्रैक है। चाहे अनुभवी ट्रैकर्स हों या नौसिखिए, हर किसी को यह ट्रैक एक यादगार अनुभव देता है जो कि गोमुख ग्लेशियर से होकर गुजरता है जो पवित्र गंगा नदी का उद्गम स्थल है।

यहां आने वाले यात्रियों के बीच सबसे लोकप्रिय ट्रैक गंगोत्री से गंगोत्री ग्लेशियर का ट्रैक है। इस स्थान पर आप पाएंगे कि गंगा नदी एक छोटे से स्थान से कितने आवेग से निकल रही है। अनुभवी ट्रैकर इस ट्रैक को आमतौर पर आठ घंटे में पूरा कर लेते हैं। यह ट्रैक कई जगहों पर बहुत संकरा और मुश्किल हो जाता है और इसके आखिरी के कुछ किलोमीटर में तो बहुत पथरीले रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है। हालांकि बाकी के ट्रैक में कुछ एक जगह खड़ी चढ़ाई को छोड़ कर बाकी का रास्ता काफी आसान है।

गंगोत्री-गोमुख-तपोवन को एक मध्यम किस्म का ट्रैक माना जाता है यानी पर्वतारोही और गैर-पर्वतारोही, दोनों ही इस ट्रैक को आसानी से तय कर सकते हैं, बशर्ते कि वे तंदुरुस्त हों। इस रास्ते में आप गंगोत्री, मेरू, कीर्ति बमक जैसे कई खूबसूरत ग्लेशियरों से होकर गुजरते हैं। साथ ही यह ट्रैक सैलानियों को माउंट शिवलिंग पीक, गंगोत्री समूह की चोटियों, केदारडोम पीक जैसी कई शानदार चोटियों को भी करीब से देखने का अवसर प्रदान करता है। रास्ते में भोजवासा में रुक कर आप भागीरथी समूह की चोटियों का भी विहंगम दृश्य देख सकते हैं।

ट शिवलिंग पीक अपने-आप में एक बहुत ही अद्भुत और अनोखी चोटी है। तपोवन में एक समूचे पर्वत को एक साथ उसके आधार से शिखर तक देखने का अनुभव निराला ही होता है। इस अनुभव को यहां कैंप लगा कर और भी बढ़ाया जा सकता है। और यदि आप भाग्यशाली हुए तो आप यहां नीली पहाड़ी बकरियों, जिन्हें यहां भरल कहा जाता है, के झुंड भी देख सकते हैं जो यहां के सब्ज पहाड़ों पर चरने के लिए आती हैं।

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