भारत का संसद भवन दुनियां के सबसे बड़े लोकतंत्र का शासन केंद्र है। इस भवन की इमारतें दिल्ली की सबसे प्रभावशाली इमारतों में से एक है। यह समरूपता और वास्तुकला का एक बेहतरीन नमूना है। इसका आकार गोलाकार है। इस भवन की संरचना में राज्य सभा, लोकसभा और केंद्रीय पुस्तकालय के तीन अर्धवृत्ताकार कक्ष हैं। इस भवन की सुंदरता को बढ़ाने के लिए इसमें लगभग 144 स्तंभ और सुंदर बगीचे हैं। इस इमारत की चार दीवारी की यह विशेषता है कि उसके बलुआ पत्थर से बने भागों की बेहतरीन ज्यामितीय आकृतियों में तराशा गया है। इस भवन में कोई भी व्यक्ति अधिकारिक अनुमति के बिना प्रवेश नहीं कर सकता है।संसद भवन की नींव कनॉट के ड्यूक द्वारा डाली गई थी और इसका निर्माण वर्ष 1921 में पूरा हुआ था। इस भवन का उद्घाटन वर्ष 1927 में लॉर्ड और लेडी इरविन द्वारा किया गया था। इस भवन को हर्बर्ट बेकर ने डिजाइन किया था। ऐसा कहा जाता है कि इस भवन में ही भारत का संविधान तैयार किया गया था।

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