दिल्ली हाट

दिल्ली हाट सांस्कृतिक अतिरंजना, शिल्प और व्यंजनों का सम्मिश्रण है। यह शहर के बीच एक अनूठा बाज़ार है, जो भारतीय संस्कृति की समृद्धि को प्रदर्शित करता है। आप इस बाजार से कई पारंपरिक और इथनिक वस्तुएं खरीद सकते हैं। इतना ही नहीं, हाट में खाने के लिए अनेक स्वादिष्ट व्यंजन भी किफायती कीमतों पर मिलते हैं। आप भारत के भिन्न भिन्न राज्यों द्वारा स्थापित विभिन्न भोजन की दुकानों पर जा सकते हैं, जहां वे अपने क्षेत्र के खास व्यंजनों को पेश करते हैं। हाट का दौरा करना एक अनूठा अनुभव है क्योंकि यह आपको भारत के प्रत्येक राज्य की सांस्कृतिक विरासत की झलक प्रदान करता है। बाजार में आगंतुकों के लिए स्मारिका की दुकानें भी हैं। आप जिन वस्तुओं को खरीद सकते हैं, उनमें पीतल के बर्तन, धातु शिल्प, रत्न, मोती, रेशमी और ऊनी कपड़े, अलंकृत जूते-चप्पले, चंदन और शीशम की बनी सजावट के सामान आदि शामिल हैं।

दिल्ली हाट

कनॉट प्लेस

दिल्ली की दिल की धड़कन कहा जाने वाला, कनॉट प्लेस एक विरासत स्थल है, जिसे जियोरजियन शैली की वास्तुकला में निर्मित किया गया है। भोजनालयों, उच्च श्रेणी की दुकानें, पार्लर, थिएटर और बुक स्टोर के साथ साथ, यह बाजार दिल्ली में अधिकांश गतिविधियों का केंद्र है। दो संकेंद्रित वृतों में फैले कनॉट प्लेस का एक विंटेज चरित्र है, पर वहीं उसके विपरीत यहां अनेक आधुनिक दुकानें और कैफ़ें मौजूद हैं जो तीक्ष्ण नियोन लाइट से प्रकाशित रहते हैं। किसी भी दिन, यहां आपको अनेक छात्र-छात्राएं और ऑफिस कर्मचारी सड़कों पर घूमते, चाट की थाली और सुखद मौसम का आनंद लेते हुए दिख जाएंगे। कनॉट प्लेस में स्टॉल और स्टोर्स के आने से पहले, यह एक सिनेमा सेंटर हुआ करता था। सन् 1920 के दशक में, रूसी बैले, उर्दू नाटक और मूक फिल्मों को यहां विभिन्न थिएटरों में प्रदर्शित की जाती थी। रिवोली और ओडियन जैसे विरासती सिनेमाघर अभी भी अपनी प्राचीनता को संरक्षित रखे हुए हैं। इन बड़े फिल्म थिएटरों में फिल्म देखने का अपना एक अलग ही रोमांच है। कनॉट प्लेस का एक और मुख्य आकर्षण यहां का हनुमान मंदिर है, माना जाता है कि यह उतना ही प्राचीन है जितना इसके आस पास का इलाका। दूर-दूर से भक्तों को आकर्षित वाले इस मंदिर का उल्लेख महाकाव्य महाभारत में भी मिलता है। इस मंदिर का नाम गिन्नीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल है, जिसमें उपासकों ने यहां 24 घंटे तक लगातार 'श्री राम जय राम जय राम' मंत्र का जाप किया था। हलचल से भरे इस बाजार के बीच एक शांत स्थान है, गुरुद्वारा बंगला साहिब, जो संभवतः कनॉट प्लेस का सबसे लोकप्रिय आकर्षण है। एक मील की दूरी से ही इसका धूप में चमकता सुनहरा गुंबद दिखाई देता है। जैसे ही आप इसके परिसर में प्रवेश करते हैं, आपको एक अद्भुत शांति की भावना का एहसास होता है। इसके गर्भगृह में श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद, आप गुरुद्वारे के शांत और खूबसूरत तालाब के चारों ओर टहल सकते हैं। सघन नक्काशी से सज्जित यह प्राचीन सफेद इमारत, गुरुद्वारा बंगला साहिब एक दर्शनीय स्थल है। पर्यटक नजदीक के जंतर मंतर पर भी जा सकते हैं, जो उत्तर भारत की पांच खगोलीय वेधशालाओं में से एक है। यह अपनी बेजोड़ ज्यामितीय संरचना के अद्भुत संयोजन के कारण दुनिया भर के आर्किटेक्ट, कलाकारों और कला इतिहासकारों का ध्यान आकर्षित करता है। कनॉट प्लेस का सेंट्रल पार्क एक अन्य मुख्य आकर्षण है, जहां विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों को आयोजित किया जाता है। यहां हरे-भरे बगीचे हैं, जहां कई फव्वारे लगे हुए हैं और यहां आपको देश का सबसे ऊंचा लहराता हुआ झंडा भी दिख जाएगा। कनॉट प्लेस की इस भव्य हाथीदांत की सफेदी वाली संरचना सन् 1929 में अंग्रेजों द्वारा लुटियन्स की दिल्ली में स्थानांतरित करने के लिए बनाया गई थी। इसका नाम कनॉट के पहले ड्यूक के नाम पर रखा गया है, जो रानी विक्टोरिया का बेटा था। यह दुनिया के सबसे महंगे ऑफिस इलाकों में से एक है, और अपने पर्यटकों को विविधता का एक अनूठा मिश्रण प्रस्तुत करता है। एक ऐतिहासिक संरचना से लेकर दुकानदारों का स्वर्ग तक कहा जाने वाला यह स्थान, किसी की भी दिल्ली यात्रा का एक अभिन्न भाग होना ही चाहिये।

कनॉट प्लेस

चांदनी चौक

पुरानी दिल्ली की प्राचीनता को संजोये चांदनी चौक एक भीड़-भाड़ वाला क्षेत्र है जो राष्ट्रीय राजधानी के सबसे पुराने क्षेत्रों में से एक है। चांदनी चौक अपने व्यस्त बाजारों के कारण जाना जाता है और यहां की संकरी और अंतहीन गलियां किसी भूलभुलैया से कम नहीं हैं। ये संकरी गलियां छोटी-छोटी दुकानों से सजी रहती हैं जिनमें नमकीन, मिठाई और सेवई के स्वादिष्ट पकवानों की कई दुकानें हैं। यहां पर ऐसी दुकानें भी हैं, जहां आपको कपड़े सहित कई उत्पाद मिल जाएंगे और वह भी बजट के दामों पर। जोर शोर से चलने वाली इस मध्ययुगीन बाज़ार में आपको लगभग सभी तरह के इत्र, आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक्स, मोमबत्तियां, जीवन शैली के सामान और देवी-देवताओं की मूर्तियां बड़ी आसानी से मिल जाएंगे। इसके अलावा, यह दिल्ली के सबसे बड़े थोक बाजारों में से एक है, जिसमें यात्रियों को कई वस्तुओं पर भारी छूट भी मिल सकती है। चांदनी चौक यहां मिलने वाले व्यंजनों के लिए बेहद लोकप्रिय है। जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी, और अन्य ऐसे लोगों जैसी बड़ी-बड़ी हस्तियां भी यहां भोजन करना पसंद करते थे। जैसे ही आप बाजार में पकवानों की दुकानों को खंगालना शुरू करेंगे, आपको मेट्रो स्टेशन के पास ही काफी पुरानी और प्रसिद्ध एक जलेबी वाले की दुकान मिलेगी। स्वादिष्ट, नरम और चाशनी के रस से लबालब इन गरम गरम जलेबियां का स्वाद ऐसा है, जो आपको दिल्ली की सर्दियों में भी गर्मा दें। खाने के शौकीन लोग, भोजन के असीम और अविस्मरणीय अनुभव के लिए परांठे वाली गली भी जा सकते हैं। परांठे वाली गली के नाम से मशहूर इस पतली सी गली में ताजे और गर्म परांठे बनाने वालों कई दुकानें हैं जहां पर्यटकों को अवश्य जाना चाहिए। इसके बाद आती है स्वादिष्ट आलू-कचौरी और दही भल्ले की बात। यदि आप गर्मियों में जा रहे हैं, तो मसालेदार नींबू पानी का एक बड़ा गिलास लेना न भूलें। वहीं चांदनी चौक में मिलने वाली रबड़ी फालूदा यहां की खासियत है। यहां की कई दुकानें 100 साल से भी अधिक पुरानी हैं और आज भी मध्ययुगीन दिल्ली के स्वाद को बरकरार रखे हुए हैं, जो इस जगह को लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय बनाती है। चांदनी चौक का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहाँ ने 17 वीं शताब्दी में करवाया था। लाल किले के ठीक सामने फैले इस बाजार से, फतेहपुरी मस्जिद का बेहद ही खूबसूरत नज़ारा देखने को मिलता है। 'चांदनी चौक' का अर्थ होता है, चांद की रोशनी से रौशन जगह, और इस बाज़ार को शाहजहाँ के शासनकाल के दौरान से ही चांदनी चौक के नाम से पुकारा जाता है। इस क्षेत्र में पेड़ों की कतार वाली एक नहर थी, जिसमें रात के वक्त चांद साफ दिखाई पड़ता था।

चांदनी चौक

सेंट्रल मार्केट या लाजपत नगर मार्केट

लाजपत नगर मार्केट आभूषणए कपड़ेए सामान और अन्य फैशन की वस्तुओं के चयन के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। इस मार्केट का मुख्य आकर्षण मेहंदी लगाने वाले हैए जिन्होंने मार्केट में अपनी दुकानें लगा ली है। यहां लगाये गये मेंहदी की सुंदर आकृतियों की प्रशंसा सभी करेंगे। आप यहां के कुछ सबसे पुराने भोजनालयों में पेश किये जाने वाले व्यंजनों का भी अनंद ले सकते हैं।

सेंट्रल मार्केट या लाजपत नगर मार्केट

सरोजिनी नगर बाजार

यह चहल.पहल भरा बाजार खरीदारों के लिए एक स्वर्ग है जहां वे जी भर खरीदारी कर सकते हैं और दुकानों की खिड़कियों पर प्रदर्शित चीजों का मुआयना अपने दिल की संतुष्टि तक कर सकतें है। यह बाजार अपनी संकरी गलियों के काफी सटी सटी दुकानोें और अनेक फैले अस्थायी स्टॉलों के चलते काफी मशहूर हैं क्यों कि इस बाजार में आपको तरह.तरह की वस्तुएं बहुत हीं सस्ते दामों में मिल जातीं हैं।

सरोजिनी नगर बाजार

पहाड़गंज

पहाड़गंज दिल्ली के सबसे लोकप्रिय थोक बाजारों में से एक है। यहां कम बजट में अच्छी चीज़ें मिल जाती हैं। यहां घरेलू चीजों के साथ.साथ विदेशी उत्पाद भी मिल जाते हैं। यहां की हलचल भरी सड़कों पर आप हस्तशिल्पए हुक्का पाइपए वस्त्रए किताबेंए संगीत वाद्ययंत्र और कपड़े खरीद सकते हैं।

पहाड़गंज

खान मार्केट

दिल्ली के सबसे व्यस्त और सबसे महंगे बाजारों में से एकए खान मार्केट खरीददारों को कई तरह के बेहतरीन अवसर प्रदान करता है। यहां महंगे ब्रांड्स से लेकर आयुर्वेदिकए किताबेंए सरकारी और कॉस्मेटिक के दुकानों तक हैंए और बाजार में खरीदादारों के कौतूहल बनाये रखने के लिए और भी बहुत कुछ है।

खान मार्केट

जनपथ बाजार

कनॉट प्लेस के बहुत नजदीक ही जनपथ बाजार हैए जो अपने कपड़ेए हस्तशिल्पए पेंटिंगए पीतल के बर्तनए चमड़े के उत्पादए जूतेए नकली आभूषण आदि के लिए लोकप्रिय है। यहां देशी चीजों के अलावा तिब्बती हस्तशिल्पों का सामान भी आसानी से मिल जाते हैं। इस वजह से इसे तिब्बती बाजार भी कहा जाता है।

जनपथ बाजार