यह कोयंबटूर के पश्चिम में पेरूर में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और करिकाला चोझान द्वारा बनाया गया था, जो एक प्रसिद्ध चोल राजा था। इस मंदिर का इतिहास 1,500 साल पुराना माना जा सकता है और कहा जाता है कि यहां के देवता स्वयंभू हैं। इस मंदिर में कई सर्पिलाकार आकृतियों व हॉलों के माध्यम से सुंदर वास्तुकला प्रदर्शित होती है। यहाँ का मुख्य आकर्षण भगवान नटराज अर्थात भगवान शिव के नर्तक रूप की स्वर्ण प्रतिमा है। कई स्तंभों में भगवान की अभिव्यक्तियों को दर्शाते हुए अद्भुत नक्काशी की गई है। यहाँ की छत भी अत्यधिक सुन्दर है और इसके केंद्र को एक कमल की आकृति के साथ श्रृंखलाबद्ध नक्काशी से अलंकृत किया गया है। इस मंदिर का महिमामंडन कच्छियप्पा मुनिवर और अरुणगिरि नाथर जैसे कवियों द्वारा भी किया गया है।

अन्य आकर्षण