चित्रकूट में राम घाट पर शाम की आरती एक यादगार अनुभव है जिसे नहीं छोड़ा जाना चाहिए। पुरोहितों व पुजारियों के सामंजस्य में मंत्रों और आरती की घंटी से पूरे माहौल में आध्यात्मिक ऊर्जा व्याप्त हो जाती है; एक सम्मोहन सा यहाँ एकत्र हुए तीर्थयात्रियों पर प्रभावी हो जाता है, और पूरे घाट पर केवल मंत्रों की आवाज़ सुनाई देती है। पुजारी भगवान राम की प्रार्थना करते हुए एक विशाल ज्वलंत दीया या मिट्टी का बर्तन सामने रखते हैं। अग्नि आत्मा की शुद्धि का प्रतीक है। नदी की सतह आपकी आंखों के सामने जीवंत प्रतीत होती है, लहरों के साथ लपटों के प्रतिबिम्ब के उठने और गिरने की छवि निर्मित होती है। यह दैनिक संध्या अनुष्ठान अर्थात आरती सत्र सभी उपस्थित लोगों को एक वास्तविक और शानदार अनुभव प्रदान करता है।