13 किमी लंबा मरीना बीच दुनिया में अपनी तरह का दूसरा सबसे लंबा समुद्र तट है और इसे अक्सर चेन्नई का गौरव माना जाता है। नरम रेत का एक लंबा कालीन जैसा दिखता मरीना बीच पर्यटकों को आराम करने, पानी में डुबकी लगाने और स्थानीय भोजन का आनंद लेने के लिए आकर्षित करता है। समुद्र तट के सामने की सड़क एक के बाद एक शानदार भवनों से अटी पड़ी है। इनमें मद्रास विश्वविद्यालय, सरकारी विभाग, सीनेट हाउस, प्रेसीडेंसी कॉलेज, क्रिकेट स्टेडियम, स्वामी विवेकानंद मेमोरियल हाउस और ऑल इंडिया रेडियो भवन शामिल हैं। यह मद्रास के ब्रिटिश गवर्नर एमई ग्रांट डफ (1881-86)  का पसंदीदा समुद्र तट था। यहां सूर्योदय और घुड़सवारी का भी आनंद लिया जा सकता है।

इस स्थान को एक पर्यटक स्थल में परिवर्तित करने का श्रेय एमई ग्रांट डफ को जाता है। उन्होंने 1880 के दशक में इस स्थान का चेहरा बदलने के लिए आवश्यक उपाय किए। ऐतिहासिक स्मारकों को रास्तों के मिलन स्थल पर बनाया गया है। इन स्मारकों में अन्नादुराई और एमजी रामचंद्रन स्मारक, तमिल संस्कृति के नायकों की मूर्तियां, इंडो सारसेनिक इमारतें, तमिल विद्वानों तथा महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस सहित प्रसिद्ध देशभक्तों के स्मारक शामिल हैं। देबीप्रसाद रॉय चौधरी द्वारा निर्मित ‘ट्रायम्फ ऑफ़ लेबर’ इस समुद्र तट की सबसे उल्लेखनीय मूर्तिकला कृतियों में से एक है। इस समुद्र तट पर आप विभिन्न प्रकार के दक्षिण भारतीय भोजन और आइस क्रीम का आनंद ले सकते हैं। इसके पास एक मछलीघर भी स्थित है। यहाँ समुद्र और ताज़े पानी की मछलियों की कुछ लुभावनी प्रजातियों का बसेरा है। ब्रिटिश शासन के दौरान उत्तरी अमेरिका की झीलों से लाई गई बर्फ के लिए मशहूर आइस हाउस का भ्रमण भी यहाँ किया जा सकता है। इस समुद्र तट पर जाने का सबसे अच्छा समय नवंबर से फरवरी के बीच है।

अन्य आकर्षण