उत्तर में घग्गर नदी और दक्षिण में तंगरी नदी से घिरा हुआ हरियाणा का अंबाला शहर व्यापक ऐतिहासिक महत्त्व रखता है। यह ऐसा क्षेत्र माना जाता है, जहां अशोक साम्राज्य का शक्तिशाली बौद्ध केंद्र फला-फूला। इसे तब श्रुघ्न (आधुनिक नाम सुघ) कहा जाता था। देवी अम्बा को समर्पित भवानी अम्बा मंदिर में दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। इसके आसपास स्थित कई अन्य मंदिरों, गुरुद्वारों और चर्चों को भी देखा जा सकता है। अपने चहलपहल भरे बाजारों से अंबाला बेहतरीन खरीदारी के लिए भी आगंतुकों को आकर्षित करता है। यहाँ की क्लॉथ मार्केट खरीदारी के लिए एक उम्दा जगह है जहाँ लगभग पंक्तिबद्ध  1,000 दुकानों से आप थोक दरों पर कपड़े का बढ़िया चयन कर सकते हैं। रेशम से लेकर हथकरघे तक, आपको यहां पसंद के अनुरूप हर कपड़ा मिल जाएगा। शहर में एक विज्ञान बाजार भी है, जहां आप सर्जिकल उपकरणों और विज्ञान उपकरणों की खरीदारी कर सकते हैं। यहाँ के सोने के आभूषण भी काफी लोकप्रिय हैं।

ऐतिहासिक साक्ष्य कहते हैं कि इस शहर की स्थापना 14 वीं शताब्दी ईस्वी में अम्बा राजपूत द्वारा की गई थी, जिसके नाम पर बाद में इसका नाम रखा गया। एक अन्य किंवदंती यह बताती है कि यह नाम 'अम्बा वाला' या आम-गाँव का एक भिन्न रूप है, क्योंकि यहाँ हमेशा बड़ी संख्या में आम के बाग़ होते रहे हैं। एक और मत के अनुसार इस स्थान का नाम स्थानीय देवी भवानी अम्बा से मिला है, जो इस शहर में पूजनीय हैं। अम्बाला में खानेपीने के शानदार अवसर मिलते हैं और इसका स्ट्रीट फूड काफी स्वादिष्ट है। अंबाला को हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़ और जम्मू और कश्मीर की भ्रमण यात्रा के लिए शुरुआती स्थल के रूप में भी देखा जाता है।

अन्य आकर्षण