कला और पुरातत्व पर ध्यान केंद्रित करते हुए, इस संग्रहालय के विभिन्न भागों में धातु के गहने, टेराकोटा की मूर्तियां आदि दिखाई देती हैं, जो मध्यपाषाण युग (मेसोलिथिक) और पुरापाषाण युग की हैं। यहां गुप्त और पाल राजाओं के समय के सिक्के और कलाकृतियाें के साथ ही पांडुलिपियों, तस्वीरें, कला और चित्रों का एक दुर्लभ संग्रह भी है। इस संग्रहालय का एक पूरा खंड प्रसिद्ध बिष्णुपुर घराने की संगीत संस्कृति को समर्पित है। यहां प्रदर्शित संगीत वाद्ययंत्र और तस्वीरें उस विरासत को दर्शाती हैं। इसमें समकालीन कला और पेंटिंग, पांडुलिपियां और दुर्लभ तस्वीरें भी रखी गई हैं। पर्यटक शनिवार और रविवार को पुराकृती भवन संग्रहालय के बहुमूल्य खजानों को देख सकते हैं। संग्रहालय की इमारत आकर्षक है और इसकी स्थापत्य शैली अनूठी है।

अन्य आकर्षण