सुंदर बागानों से घिरा, बैंगलोर पैलेस एक दो मंजिला ग्रेनाइट की बनी इमारत है जो कि मज़बूत छत और बुर्ज वाले दीवारों से सुशोभित है। यह महल पर्यटकों को दक्षिण भारत के सबसे प्रभावी राजवंशों में से एक वाेडियार राजवंश (1339-1947) के राजसी ठाठ का परिचय देती है। इस महल को वर्ष 1887 में बनाया था। बैंगलोर पैलेस लकड़ी पर बने खूबसूरत नक्काशी और आकर्षक वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। एक हद तक, यह नॉर्मंडी और इंग्लैंड के मध्ययुगीन महल से मिलता जुलता है क्योंकि इसे स्कॉटिश गॉथिक प्रभाव की वास्तुकला की ट्यूडर शैली में बनाया गया है। महल का सबसे बड़ा आकर्षण अंगूर की बेलों से ढकी उसकी दीवारें हैं। महल का आंतरिक भाग इसके अंग्रेज़ी डिज़ाइन के अग्रभाग के बिलकुल विपरीत है। महल के कमरों को पारंपरिक हिंदू शैली में विस्तृत रूप से सजाए गए स्तंभों और मेहराबों से सजाया गया है। शानदार झूमर और पैटर्न वाली दीवारें महल के राजसी ठाठ वाले अतीत की याद दिलाती हैं। महल में 19वीं और 20वीं शताब्दी के महान चित्रकार रवि वर्मा की कुछ प्रसिद्ध कलाकृतियां भी हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार, वोडियार वंश के राजा चमाराजेंद्र वोडियार अपनी इंग्लैंड यात्रा में लंदन के विंडसर कैसल को देख कर अचंभित हो गए थे और उसी तर्ज पर उन्होंने बैंगलोर पैलेस का निर्माण करवाया।

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