चंदन की कलाकृतियां

चंदन के पेड़ों से लदे जंगल क्षेत्र से कर्नाटक घिरा हुआ है। चंदन से बनने वाली कलाकृतियाें में कागज-कटर, ट्रे, बक्से, पंखे, चलने की छड़ी और देवताओं की मूर्तियों बनाई जाती हैं। अन्य लोकप्रिय वस्तुओं में सिगरेट केस, होल्डर और फोटो फ्रेम शामिल है। इनमें से सबसे प्रसिद्ध हाथी का आकृति है। इन अति सुंदर कलाकृतियों को बेंगलुरु के किसी भी हैंडीक्राफ्ट स्टोर से खरीदा जा सकता है।इस क्षेत्र में दो प्रकार के चंदन उपलब्ध है। एक श्रीगंधा जो दानेदार और पीले-भूरे रंग का होता है और इसका इस्तेमाल ज्यादातर नक्काशी और कलाकृतियों में किया जाता है और दूसरा गहरे भूरे रंग की नागगंधा है, जिसमें से तेल निकाला जाता है।

चंदन की कलाकृतियां

मैसूर सिल्क

कर्नाटक राज्य के सबसे शानदार शिल्पकलाओं में इसे गिना जाता है। कर्नाटक राज्य शहतूत रेशम (मल्बेरी सिल्क) के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है। बेंगलुरु आएं तो मैसूर सिल्क की साड़ी जरुर खरीदें। चमकीले और आकर्षक रंगों पर बारीक काम वाली यह साड़ियां विशिष्ट संस्कृति के फैशन को ध्यान में रखकर बनाई जाती हैं। इसे पूरे देश की महिलाएं बहुत पसंद करती हैं। ये विशेष रूप से शादियों और त्यौहारों में पहनी जाती हैं। ये साड़ियां बढ़िया गुणवत्ता वाले रेशम और बारीक सोने की जरी के काम के लिए प्रसिद्ध हैं, जो किसी भी कपड़े को एक समृद्ध बनावट और चमक देती हैं। इसका कपड़ा इतना शानदार होता है कि अगर इसे संभाल कर रखा जाए तो सालों बाद भी उसकी गुणवत्ता अपरिवर्तित रहती है।मैसूर की साड़ियां लाल, हरे, नारंगी रंग की मिलती-जुलती डिजाइन में आती हैं। इसे सुनहरे बार्डर से सजाया जाता है। इन साड़ियों पर आप जो आकर्षक रूपांकनों को देखते हैं, उनमें से कुछ पुष्प बॉर्डर और आम बूटी कहलाते हैं। एक मैसूर साड़ी आपको 3,000 रुपये से लेकर 2,00,000 के बीच में मिल जाएगी।रेशम की साड़ियों की खरीदारी के लिए बेंगलुरु के हलचल भरे पुराने चीकपेट बाजार में जाएं। यदि आपकी रुचि है, तो आप दुकानदार या स्थानीय ऑटो-रिक्शा चालकों से शहर में रेशम बुनकरों के घरों में ले जाने के लिए कह सकते हैं, ताकि आप इस अनमोल प्रक्रिया को अपनी आंखों से देख सकें।

मैसूर सिल्क